
राम कृपाल यादव, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Ram Kripal Yadav Danapur Assembly Constituency: राम कृपाल यादव कभी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सदस्य और लालू यादव के करीबी थे, जिन्होंने बाद में 2014 में भाजपा का दामन थाम लिया था। वह 2014 से 2019 तक केंद्र की मोदी सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी रहे थे।
लेकिन 2019 में लोकसभा में हार के बाद वह अब विधानसभा राजनीतिक किस्मत आजमाने जा रहे हैं। उनका मुकाबला जेल में बंद रीतलाल यादव है, जो इसी सीट से विधायक भी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राम कृपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से दानापुर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। यादव का नामांकन, जो उनके लंबे और नाटकीय राजनीतिक सफर का एक और महत्वपूर्ण मोड़ है। राम कृपाल यादव ने 1978 में एएन कॉलेज से स्नातक (बीए) और लॉ की डिग्री ली है, और उन पर दो आपराधिक मामले भी लंबित हैं। रामकृपाल यादव हलफनामे में अपनी संपत्ति के विवरण और आपराधिक मामलों के खुलासे के कारण चर्चा में है।
राम कृपाल यादव ने अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए घोषणापत्र में अपनी संपत्ति और शैक्षणिक योग्यता का विस्तृत ब्योरा दिया है। साथ ही साथ चल संपत्ति भी बतायी है। राम कृपाल यादव के पास ₹14.16 लाख की चल संपत्ति है, जबकि उनकी पत्नी ₹30.27 लाख की चल संपत्ति के साथ उनसे दोगुनी से अधिक धनी हैं। अचल संपत्ति के नाम पर उनकी पत्नी के नाम पर पटना के जमाल रोड सहित विभिन्न हिस्सों में ₹1.55 करोड़ मूल्य की ज़मीन है।
भाजपा नेता ने घोषणा की है कि उनके पास 100 ग्राम सोने के जेवर हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 250 ग्राम सोने के जेवर हैं। इसके अलावा, राम कृपाल यादव के पास 315 बोर की एक राइफल और एक रिवाल्वर भी है। इसके साथ ही साथ उनके पास लगभग ₹1 लाख से अधिक मूल्य की एक जिप्सी और नौबतपुर थाना क्षेत्र में लगभग सवा एकड़ कृषि योग्य भूमि है।
राम कृपाल यादव का राजनीतिक करियर राजद के साथ शुरू हुआ। उन्होंने 1991, 1996 और 2004 में पटना लोकसभा सीट से राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2009 में लालू यादव के उस सीट से चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
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2014 में पाटलिपुत्र सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने राजद से इस्तीफ़ा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के टिकट पर उन्होंने 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराकर पाटलिपुत्र सीट जीती। हालांकि, वह 2024 का चुनाव हार गए। अब दानापुर विधानसभा से उनका नामांकन एक नई चुनावी लड़ाई का संकेत है।






