कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
Priyanka Gandhi in Bihar: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज बिहार की धरती पर अपनी राजनीतिक सक्रियता का एक नया अध्याय लिखने जा रही हैं। उनका यह दौरा प्रदेश की महिला वोटरों को साधने की एक बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका आज राजधानी पटना के सदाकत आश्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आई लगभग 2000 महिलाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करेंगी। इसके बाद वे पूर्वी चंपारण के मोतिहारी पहुंचेंगी, जहां गांधी मैदान में ‘हर घर अधिकार’ रैली को संबोधित करते हुए वे चुनावी बिगुल फूंकेंगी। यह पहली बार है जब प्रियंका बिहार में किसी जनसभा को संबोधित कर रही हैं।
प्रियंका का दिन आज बिहार की महिलाओं के नाम समर्पित रहेगा। पटना के सदाकत आश्रम में होने वाले संवाद कार्यक्रम में घरेलू कामगार, मनरेगा मजदूर, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता और डॉक्टर-वकील जैसी प्रोफेशनल महिलाओं को भी आमंत्रित किया गया है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के अनुसार, इस संवाद का उद्देश्य हर वर्ग की महिलाओं की आवाज सुनना और उनकी समस्याओं को समझना है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका के इस दौरे से भाजपा में बेचैनी बढ़ेगी और आने वाले दिनों में दिल्ली से और भी महिला नेत्रियां बिहार आएंगी।
पटना में महिलाओं से मिलने के बाद प्रियंका गांधी का काफिला मोतिहारी के लिए रवाना होगा। वहां ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘हर घर अधिकार’ रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें 20 हजार से अधिक महिलाओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। रैली की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आयोजन स्थल पर 40 हजार से ज्यादा कुर्सियों वाला एक विशाल पंडाल बनाया गया है। प्रियंका हेलीकॉप्टर से सीधे मोतिहारी पुलिस लाइन पहुंचेंगी और वहां से सभा स्थल के लिए रवाना होंगी। मंच पर उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू समेत पार्टी के सभी सांसद मौजूद रहेंगे।
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हालांकि, प्रियंका गांधी का चुनावी अभियान हमेशा सफल नहीं रहा है। 2021 के असम विधानसभा चुनाव में उन्होंने चाय बागानों में जाकर महिला मजदूरों से मुलाकात की और कई बड़े वादे किए, लेकिन कांग्रेस केवल 29 सीटें ही जीत सकी। इसी तरह, 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ जैसे नारों और महिलाओं के लिए विशेष घोषणापत्र के बावजूद, कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी महज 2 सीटों पर सिमट गई। अब देखना यह है कि बिहार की धरती पर उनका यह प्रयास कितना सफल होता है।