बिहार के सीएम नीतीश कुमार व मनीष कुमार वर्मा (सोर्स-सोशल मीडिया)
पटना: दो दिन पहले जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य बने पूर्व ब्यूरोक्रेट मनीष वर्मा को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है। बिहार के सीएम और जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। मनीष वर्मा की ज्वाइनिंग के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे ते कि उन्हें पार्टी में बड़ा ओहदा दिया जा सकता है। जिस पर अब आधिकारिक हस्ताक्षर हो गए हैं।
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। उससे पहले नीतीश कुमार ने एक बड़ा दांव चलते हुए मनीष वर्मा को जनता दल (यूनाइटेड) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया है। मनीष को पार्टी में नंबर दो की पोजीशन देकर नीतीश ने एक तरफ तो अटकल बाजियों पर विराम लगाया है लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने कयासों के बाजार को गरमाहट भी दे दी है।
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी के द्वारा श्री @MKVJDU जी को जद (यू) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किए जाने पर जनता दल (यूनाइटेड) परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।#JDU #bihar #NitishKumar pic.twitter.com/SBPSacKGkg
— Janata Dal (United) (@Jduonline) July 11, 2024
मनीष वर्मा ने जब जेडीयू की सदस्यता ली थी तबसे ही बिहार के सियासी हल्कों में ये चर्चा हो रही है कि वह नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी होने वाले हैं। उसके दो दिन बाद ही मनीष को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी देकर इन चर्चाओं लाउडस्पीकर थमा दिया है। अब माना जा रहा है कि भविष्य में मनीष जेडी(यू) की कमान संभालेंगे।
मनीष कुमार वर्मा साल 2000 में ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी बने थे। इसके पांच साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले के डीएम बनाए गए थे। साल 2012 तक वह ओडिशा में ही रहे जिसके बाद इंटर स्टेट डेपुटेशन में पांच साल के लिए वह बिहार आ गए। 2014 में उन्हें पटना का डीएम बनाया गया। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने सीएम के सचिव के तौर पर भी काम किया।
साल 2018 में इंटर स्टेट डेपुटेशन के 5 साल पूरे होने के बाद जब मनीष कुमार वर्मा को दोबारा ओडिशा भेजा जाने लगा तो उन्होंने इनकार कर दिया। दवाब ज्यादा बढ़ा तो स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि मनीष कुमार को बिहार के साथ साथ नीतीश कुमार पसंद आ चुके हैं।