
प्रशांत किशोर, फोटो: सोशल मीडिया
Prashant Kishor: चिराग पासवान ने हाल ही में बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई थी और कहा था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे उस सरकार को समर्थन दे रहे हैं, जिसके शासन में अपराध और अराजकता बढ़ रही है।
प्रशांत किशोर ने चिराग के इस बयान को लेकर कहा कि अब जनता का दबाव इतना बढ़ गया है कि एनडीए के सहयोगी दलों को भी सरकार के खिलाफ बोलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर चिराग को सच में लगता है कि बिहार की कानून व्यवस्था खराब हो चुकी है, तो उन्हें सिर्फ बयान देने की जगह एनडीए से बाहर आना चाहिए और जनता की आवाज बनना चाहिए। यह ठीक नहीं है कि एक ओर सत्ता में भागीदारी भी करें और दूसरी ओर उसी सरकार की आलोचना भी करें।
प्रशांत किशोर बिहार बदलाव यात्रा के तहत लखीसराय के सूर्यगढ़ा पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। सभा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने तेज प्रताप यादव पर भी चुटकी ली, जो हाल ही में पीली टोपी पहने नजर आए थे। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज का रंग भले पीला हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि जो भी पीली टोपी पहन ले, वो जन सुराज का हिस्सा बन जाएगा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि तेज प्रताप से पूछना चाहिए कि अब वो कब हरे रंग में नजर आएंगे और कब पीले में।
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सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील की कि वे इस बार वोट देने से पहले अपने बच्चों का चेहरा देखें और सोचें कि क्या उन्हें भी वही बेरोजगारी और पलायन झेलना चाहिए, जो आज की पीढ़ी झेल रही है। उन्होंने कहा कि यह बिहार की आखिरी बदहाल दीपावली और छठ होगी। इसके बाद न केवल लखीसराय बल्कि पूरे बिहार के 50 लाख युवाओं को 10 से 12 हजार रुपये की स्थानीय रोजगार व्यवस्था दी जाएगी ताकि उन्हें राज्य से बाहर जाकर मजदूरी न करनी पड़े। अंत में उन्होंने जनता से ईमानदार नेताओं को चुनने की अपील की और कहा कि इस बार वोट शिक्षा और रोजगार के नाम पर दीजिए, ताकि बिहार का भविष्य बदले।
आईएएनएस इनपुट के साथ






