
डेहरी विधानसभा सीट:(कॉन्सेप्ट फोटो)
Dehri Assembly Constituency: बिहार की राजनीति में अपनी खास जगह रखने वाली डेहरी विधानसभा सीट (Dehri Assembly Seat) रोहतास जिले में स्थित है और यह काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। अपनी औद्योगिक और ऐतिहासिक पहचान के अलावा, यह सीट हमेशा से एक रोचक राजनीतिक रणभूमि रही है। इस बार, मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP (Ramvilas)] के बीच दिख रहा है।
डेहरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार 10 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है, लेकिन असली टक्कर दो प्रमुख दलों के बीच ही मानी जा रही है:
2020 के विधानसभा चुनाव में, राजद के फतेह बहादुर कुशवाहा ने भाजपा के सत्यनारायण सिंह को बेहद कम वोटों के अंतर (464 वोट) से हराया था, जो दर्शाता है कि यहाँ मुकाबला हमेशा कांटे का रहा है।
डेहरी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास 1951 में अस्तित्व में आने के बाद से ही काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि जब बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में कांग्रेस का वर्चस्व था, डेहरी की जनता ने शुरुआती चुनावों में समाजवादी उम्मीदवारों को अपना प्रतिनिधि चुना। पहले विधायक सोशलिस्ट पार्टी के बसावन सिंह थे।
कांग्रेस को पहली जीत तीसरे चुनाव (1962) में मिली और इसके बाद पार्टी ने लगातार 4 बार जीत हासिल की। कांग्रेस को आखिरी बार 1985 में सफलता मिली थी।
1985 के बाद, यहाँ की राजनीति जनता दल, राजद (RJD) और भाजपा (BJP) के इर्द-गिर्द घूमती रही। यहाँ आरजेडी के मोहम्मद इलियास हुसैन का लम्बे समय तक दबदबा रहा, जिन्होंने अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर कुल 6 बार यह सीट जीती। हालांकि, अक्टूबर 2005 और 2010 के चुनाव में डेहरी ने निर्दलीय उम्मीदवारों को भी मौका दिया।
2019 के उपचुनाव में भाजपा की पहली बार एंट्री हुई जब सत्यनारायण सिंह ने जीत हासिल की। वहीं, जदयू (JDU) को इस सीट पर अभी तक जीत नहीं मिली है।
डेहरी विधानसभा क्षेत्र में 9 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। 2020 के आंकड़ों के अनुसार, यहाँ 2.94 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत थे। यहाँ के मतदाताओं में ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के वोटर शामिल हैं, जिनमें से ग्रामीण मतदाताओं का प्रतिशत लगभग 65% है।
यह सीट सोन नदी के किनारे स्थित है और यहाँ की नहर प्रणाली किसानों के लिए जीवनरेखा है। स्थानीय मुद्दों में सिंचाई, औद्योगिक विकास (डालमियानगर का पुराना औद्योगिक केंद्र), और रोजगार प्रमुख होते हैं, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं।
राजनीति के अलावा, डेहरी-ऑन-सोन अपने ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है:
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डेहरी विधानसभा सीट पर हर चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलती है, जहाँ जीत का अंतर अक्सर काफी कम रहा है। इस बार, राजद के गुड्डू चंद्रवंशी और लोजपा (रामविलास) के राजीव रंजन सिंह के बीच का सीधा मुकाबला न केवल दोनों पार्टियों के लिए बल्कि रोहतास जिले की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहाँ के मतदाता स्थानीय समीकरणों, जातिगत गणित और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि पर विशेष ध्यान देते हैं। परिणाम चाहे जो भी हो, यह तय है कि डेहरी का यह चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है।






