राहुल गांधी, PM मोदी, CM नीतीश
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का भले ही अभी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सियासी तपिश अभी से बढ़ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में अपने खिसके जनाधार को दोबारा से जोड़ने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं। अब राहुल नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में और जीतनराम मांझी का किला कहे जाने वाले गया में सियासी सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी का दैरा नालंदा में नीतीश के कोर वोटबैंक अतिपिछड़े वर्ग को जोड़ने की कोशिश है तो गया में माउंटेन मैन दशरथ मांझी के घर पहुंच कर सियासी संदेश भी दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही राहुल गांधी ने अपना पूरा फोकस बिहार पर केंद्रित कर दिया। पांच महीने में यह राहुल पांचवीं बार बिहार दौरे पर पहुंचे हैं।
बिहार में कांग्रेस की दलित, अतिपिछड़े और मुस्लिम वोटबैंक को साधना चाहती है। राहुल इसी टारगेट को हासिल करने की कवायद में लगे हैं, जिसके तहत शुक्रवार को बिहार दौरे पर सबसे पहले वो गया पहुंचें। गया में राहुल गांधी सबसे पहले दशरथ मांझी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। इसके बाद वे दशरथ मांझी के परिवार से भी मिले। दशरथ मांझी के बेटे को राहुल गांधी पहले ही कांग्रेस पार्टी में शामिल करा चुके हैं और अब उनके घर जाकर परिवार से बी मुलाकात की, जिसके सियासी मायने को समझा जा सकता है।
गया लोकसभा सीट से जीतनराम मांझी खुद सांसद हैं और केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। गया जिले में मुसहर समाज के लोग काफी संख्या में हैं, जिसे जीतनराम मांझी का वोटबैंक माना जाता है। बिहार में मुसहर समुदाय महादलित वर्ग में आते हैं और इस वर्ग की आबादी 3 से 4 फीसदी है। मुसहर समाज के वोटों के दम पर ही मांझी केंद्र सरकार में और उनके बेटे बिहार सरकार में मंत्री बने हैं। कांग्रेस की नजर मुसहर समाज के वोटों को साधने की है, जिसके लिए ही राहुल गांधी का गया पहुंचे हैं।
#WATCH | Bihar: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi meets the family of ‘Mountain Man’ Dashrath Manjhi in Gaya. pic.twitter.com/NyeoZR5YkO
— ANI (@ANI) June 6, 2025
कांग्रेस का फोकस पूरी तरह से दलित वोटबैंक पर है, जिसमें रविदास समुदाय से आने वाले राजेश राम को राज्य में पार्टी का अध्यक्ष बनाना हो या पासी समाज से आने वाले सुशील पासी को बिहार का सह-प्रभारी। अब दशरथ मांझी के परिवार के माध्यम से राहुल गांधी मुसहर समुदाय के वोटों को साधने की कवायद में हैं, जिसके लिए वो गया पहुंचे।
राहुल गांधी आज नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा भी पहुंचे। उनका नालंदा दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है। वो एक तरफ नीतीश कुमार के गढ़ में अपनी पार्टी की पैठ मजबूत करने की कवायद में हैं तो वहीं दूसरी तरफ ओबीसी और अतिपिछड़े वर्ग के वोटों को साधने का भी प्लान है।
#WATCH | Bihar: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi visits Dashrath Manjhi Memorial in Gaya, along with the family of Dashrath Manjhi. pic.twitter.com/EaQB3GDqQb
— ANI (@ANI) June 6, 2025
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ में जाकर राहुल गांधी जेडीयू के कोर वोटबैंक माने जाने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग में सेंधमारी करना चाहते हैं। नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है और उनकी सियासी ताकत का प्रतीक है। जेडीयू सबसे अधिक मजबूत नालंदा में ही है। साथ ही नालंदा को पिछड़े और अतिपिछड़े समुदाय का गढ़ भी कहा जाता है। इसीलिए कांग्रेस ने संविधान सुरक्षा सम्मेलन का कार्यक्रम नालंदा में रखा, जहां राहुल अपने सामाजिक न्याय के एजेंडे को धार देने के साथ एक सियासी संदेश दे सकें।
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बिहार में कांग्रेस फिर से खड़े होने और अपनी सियासी वापसी के लिए दलित और अतिपिछड़े वर्ग के वोटों की राजनीतिक केमिस्ट्री बनाने में जुटी हुई है। राहुल राजनीतिक रूप से बखूबी समझ रहे हैं कि बिहार में बिना दलित तथा अतिपिछड़े वोटबैंक को जोड़े सत्ता में आना मुश्किल है। दलित 17 फीसदी हैं तो अतिपिछड़ा वर्ग की आबादी भी 36 फीसदी है। नीतीश कुमार की पूरी राजनीति इन्हीं दो वोटबैंक पर टिकी हुई है। नीतीश कुमार जिस उम्र के ढलान पर हैं ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि यही मौका है, जब इस वर्ग को आसानी से अपने साथ जोड़ सकते हैं।