
सीएम योगी
Bihar Assembly Elections: सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंचे और वहां बीजेपी प्रत्याशी रंजन कुमार के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की पुरानी स्थितियों को याद करते हुए एनडीए सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया और खासकर राजद-कांग्रेस शासनकाल की कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2005 से पहले बिहार की पहचान संकट में थी। उन्होंने याद दिलाया कि वह वही बिहार था, जहां जाति के आधार पर समाज को बांटने का खेल खेला जाता था और जहां जातीय संघर्षों और नरसंहारों की घटनाएं आम थीं। उन्होंने बताया कि राजद शासनकाल में 60 से अधिक जातीय नरसंहार हुए थे और त्योहारों के समय दंगे फैलाकर सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ा जाता था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “1992 से 2005 तक बिहार में 30,000 से ज्यादा अपहरण हुए थे। व्यापारी, जमींदार, उद्यमी, डॉक्टर, और इंजीनियर कोई भी बिहार में सुरक्षित नहीं था।”
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में हुए गोलू हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कहा कि “वो दौर देखकर हमारा खून खौलता था। हम सोचते थे कि एनडीए की सरकार जब आएगी तो अपराधियों को ठिकाना लगाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि 1992 से 2005 तक बिहार में शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू जैसा माहौल बन जाता था। उस समय किसी भी आईएएस, आईपीएस, या आईआरएस अधिकारी के लिए बिहार में काम करना असंभव सा था।
सीएम योगी ने बिहार में एनडीए सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “आज बिहार में कनेक्टिविटी के मामले में सड़कों, रेलवे, और एयर कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। बिहार आज मौर्य काल की याद दिलाता हुआ गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है।”
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उन्होंने यह भी कहा कि बिहार ने महात्मा बुद्ध को ज्ञान दिया और महावीर जैन को जन्म दिया। यह वही धरती है जहां मिथिला और भोजपुरी संस्कृति को छठ गीत के माध्यम से एक नई पहचान मिली है। योगी ने पद्मश्री शारदा सिन्हा का भी उल्लेख किया, जिनकी गायकी ने वैश्विक स्तर पर बिहार की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाया है।






