नीतीश कुमार, असदुद्दीन ओवैसी व लालू प्रसाद यादव (डिजाइन फोटो)
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी पार्टियों ने अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है। अब बिहार चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने नई चाल चली है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि उन्होंने 15 दिन पहले ही राजद और कांग्रेस के जिम्मेदार लोगों को संदेश भेजा था। इसमें उन्होंने कांग्रेस-राजद और वाम दलों के महागठबंधन में शामिल होने की बात कही थी।
अख्तरुल ईमान ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी महागठबंधन से समझौता न होने की स्थिति में तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हम कुछ दलों से बातचीत कर रहे हैं। तीसरे मोर्चे के लिए किन दलों से बातचीत चल रही है, इस सवाल पर ईमान ने किसी दल का नाम लेने से इनकार कर दिया।
जब उनसे पूछा गया कि क्या AIMIM ने 2020 का चुनाव उन दलों में से किसी के साथ लड़ा था, क्या उनसे बातचीत चल रही है? इस सवाल पर ईमान ने हां में जवाब दिया। लेकिन उन दलों का नाम लेने से इनकार कर दिया। ईमान ने कहा कि यह प्रस्ताव बिहार के हित में, बिहार की नई पीढ़ी के हित में, बिहार के भविष्य के हित में और बिहार के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए दिया गया है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन से धोखा खाने के बाद भी हमने यह प्रस्ताव दिया है। जब ईमान से पूछा गया कि क्या प्रस्ताव में सीटों की संख्या का भी जिक्र है, तो ईमान ने कहा कि नहीं, सीटों की संख्या को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 2020 में महागठबंधन ने 112 सीटें जीती थीं और AIMIM ने पांच सीटें जीती थीं, उसी के अनुपात में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया जा सकता है।
दरअसल, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को महाराष्ट्र के परभणी में आयोजित एक रैली में इस प्रस्ताव का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि अख्तरुल ईमान ने प्रस्ताव भेजा था कि अगर बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकना है तो हमारे साथ आकर हाथ मिला लें। लेकिन इस पर फिलहाल बात बनती नज़र नहीं आ रही है।
अगर बिहार में @BJP4India को रोकना है, तो @Akhtaruliman5 का प्रस्ताव स्वीकार करना होगा pic.twitter.com/HrgrrvxUIP
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 30, 2025
AIMIM ने 2020 का विधानसभा चुनाव ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में शामिल होकर लड़ा था। इन चुनावों में AIMIM ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और पांच पर जीत हासिल की। हालांकि उसके चार विधायक बाद में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए। अब अगर एक बार फिर तीसरा मोर्चा बना तो एनडीए में जेडीयू और महागठबंधन में RJD को नुकसान हो सकता है।
AIMIM के अलावा ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, बीएसपी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल थे। इनमें से उपेंद्र कुशवाहा ने अब राष्ट्रीय लोक मंच नाम से नई पार्टी बना ली है और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं।
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ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी एनडीए का हिस्सा है। 2020 के चुनाव में AIMIM ने 19 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटें जीतीं और चार सीटों पर तीसरे स्थान पर रही। इसे 5,23,279 वोट मिले। इसे अपने लड़े गए वोटों का 1.3 प्रतिशत वोट मिला। AIMIM ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र की सभी सीटें जीतीं, जहां मुस्लिम आबादी बहुत अधिक है।