जीतन राम मांझी, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Elections 2025 की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी शुक्रवार को पटना पहुंचे थे। वहां उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में सीट बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) एनडीए का हिस्सा है और रहेगा।
पटना पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा, “हमारी नाराजगी नहीं है, बल्कि यह प्रार्थना है कि एनडीए मजबूत रहे। सब लोग यही चाहते हैं कि बिहार में फिर से जंगलराज न लौटे। इसके लिए नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन में छोटे या बड़े दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन एकता सबसे अहम है।
बिहार की सियासत में इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों से मांझी की पार्टी द्वारा सीटों की मांग को लेकर खींचतान की खबरें सामने आ रही थीं। सूत्रों के अनुसार, मांझी की पार्टी ने 15 सीटों की मांग रखी थी। उन्होंने पहले कहा था कि यदि पार्टी को 15 सीटें नहीं मिलतीं, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन एनडीए को समर्थन देंगे। अब उनके इस बयान ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी तरह का अलगाव नहीं चाहते और एनडीए को एकजुट रखकर चुनावी मैदान में उतरने के पक्ष में हैं।
बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। राज्य की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को प्रस्तावित है। वहीं 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मांझी का यह बयान नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को मजबूती देने का संदेश है। इससे लोजपा (रामविलास) और भाजपा के साथ तालमेल को भी सहूलियत मिलेगी।
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मांझी का रुख इस बात की ओर भी इशारा करता है कि एनडीए के घटक दल अब ‘सीएम फेस’ को लेकर किसी भ्रम में नहीं रहना चाहते। ऐसे में एनडीए ने भी बिहार की सियासत में यह संदेश दे दिया है कि चुनावी जंग में नीतीश कुमार ही चेहरा रहेंगे।