बिहार विधानसभा चुनाव 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Belhar Assembly Constituency: बिहार के बांका जिले की बेलहर विधानसभा सीट, जो अपनी उपजाऊ कृषि भूमि और पवित्र कांवड़ मार्ग के लिए जानी जाती है, इस बार चुनावी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। इसे ‘यादवों की भूमि’ कहा जाता है, जहां इस समुदाय का वोट बैंक निर्णायक साबित होता है। 2000 के बाद से यह सीट मुख्य रूप से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच राजनीतिक युद्धभूमि बनी हुई है, जहां 2025 में एक बार फिर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
बेलहर सीट पर जातीय समीकरणों का प्रभाव साफ दिखता है। यहां यादव समुदाय कुल पंजीकृत मतदाताओं का 30 प्रतिशत से अधिक है, जिसके कारण अब तक आठ बार यादव समुदाय से विधायक चुने जा चुके हैं। पिछले चुनाव में जदयू के मनोज यादव ने राजद के दिग्गज नेता रामदेव यादव (जो चार बार विधायक रह चुके हैं) को हराया था। यह जीत जदयू के लिए इस यादव बहुल सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने का संकेत थी।
इस बार जदयू ने निवर्तमान विधायक मनोज यादव पर भरोसा जताया है, जबकि राजद ने चाणक्य प्रकाश रंजन को उम्मीदवार घोषित किया है। दोनों ही प्रमुख दल यादव समुदाय के वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। जदयू और राजद के अलावा, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से बृज किशोर पंडित भी मैदान में हैं, जो मुकाबले को त्रिकोणीय बनाकर मुख्य दलों के वोटों में सेंध लगा सकते हैं।
राजनीतिक इतिहास: कांग्रेस से MY की ओर बदलाव
1962 में स्थापित बेलहर विधानसभा सीट ने अब तक 16 चुनावों का गवाह रहा है। शुरुआती दौर में कांग्रेस ने चार बार जीत दर्ज की थी, लेकिन 1990 के बाद इस सीट पर कांग्रेस का प्रभाव लगभग समाप्त हो गया। कांग्रेस के पतन के बाद, यह सीट राजद (तीन बार) और जदयू (चार बार) के बीच घूमती रही है, जो क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक भूमिका को दर्शाता है। यहां तक कि बांका के सांसद गिरधारी यादव भी बेलहर से दो बार विधायक रह चुके हैं।
बेलहर की पहचान धार्मिक आस्था और कृषि से जुड़ी है। हरिगढ़ और त्रिवेणी नदियों की उपस्थिति के कारण यह क्षेत्र कृषि के लिए अत्यंत उपजाऊ है। यह क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि सुल्तानगंज से देवघर तक जाने वाली प्रसिद्ध कांवड़ यात्रा का 64 किलोमीटर लंबा मार्ग बेलहर क्षेत्र से होकर गुजरता है। सावन के महीने में यह मार्ग लाखों श्रद्धालुओं से भरा रहता है। बेलडीहा मोर स्थित दुर्गा मंदिर स्थानीय आस्था का प्रमुख केंद्र है।
ये भी पढ़ें: सिकंदरा विधानसभा: NDA के खिलाफ महागठबंधन ने उतारे दो उम्मीदवार, कौन मारेगा बाजी?
बेलहर का चुनावी परिणाम यह तय करेगा कि यादव मतदाताओं का विश्वास किस पार्टी पर कायम रहता है। जदयू, जिसने पिछली बार जीत हासिल की थी, या राजद, जो अपने पारंपरिक आधार को वापस पाने की कोशिश में है।