नीतीश सरकार आज करेगी बजट पेश
पटना : जहां एक तरफ आज यानी सोमवार 3 मार्च को बिहार विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश होगा। वहीं इस बाबत वित्त विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इसे पेश करेंगे।
जानकारी दें कि, बिहार में यह चुनावी साल है तो ऐसा माना जा रहा है कि, राज्य की जनता के लिए इस बार का बजट काफी खास होने वाला है। शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, किसान, आर्थिक लाभ सहित कई मुद्दों को देखते हुए बिहार के विकास के लिए खजाना खोला जाएगा।
खुद सम्राट चौधरी ने पहले ही संकेत में बता दिया था कि 96 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव बजट में ला सकते हैं। हालांकि खुद इस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर निकले और बजट के पहले उन्होंने यात्रा को पूरा करके बिहार में 50 हजार करोड़ की राशि से प्रदेश के विकास के लिए घोषणा की है। उस राशि को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है।
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यह भी बता दें कि, बिहार में करीब 2।85 लाख और किसानों को कृषि कार्य के लिए इस वर्ष आगामी जून तक बिजली कनेक्शन मिलने वाला है। वहीं अब तक 5.55 लाख किसानों को कृषि फीडर के माध्यम से बिजली कनेक्शन मिल चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य का ऊर्जा विभाग यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि बाकी किसानों को यथाशीघ्र कृषि के लिए बिजली का कनेक्शन दिया जाए।
वहीं इन सबके बीच बीते 2 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मांग की कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की जाए और गरीब महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह दिए जाएं। इस बाबत विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार राज्य में सभी उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा करेगी।
यादव ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया था कि, ‘‘केंद्र और राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को बिहार के लोगों के हितों की कोई चिंता नहीं है।” उन्होंने यह भी दावा किया था कि राज्य सरकार ने पिछले 20 वर्षों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कोई वृद्धि नहीं की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को दी जाने वाली राशि को मौजूदा 400 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए, जो देश में सबसे कम है।”
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तेजस्वी ने यह भी कहा था कि, ‘‘हम सामाजिक सुरक्षा पेंशन में पर्याप्त वृद्धि, गरीब और वंचित वर्गों की महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह देने और राज्य के सभी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग करते हैं।” यादव ने कहा था कि राज्य की राजग सरकार को इन मांगों को स्वीकार करना चाहिए और अगले वित्त वर्ष के बजट में इन पहलों की घोषणा करनी चाहिए। राजद नेता ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को 50 % से 65 % करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा यह भी कहा कि, ‘‘पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया जिससे बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण के आलोक में कुल आरक्षण 75 % हो गया।”
हालांकि, तेजस्वी ने इस पर यह दावा किया था कि भाजपा ने अदालत का रुख किया और ‘‘पूरे मामले को कानूनी लड़ाई में उलझा दिया।” उन्होंने भाजपा पर आरक्षण को समाप्त करने और आरक्षण में हेरफेर करने का आरोप लगाया और कहा था कि, ‘‘हम आरक्षण की बहाली चाहते हैं।” यादव ने दावा किया था कि, ‘‘65% आरक्षण लागू न होने के कारण, एससी/एसटी, ओबीसी और ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) के उम्मीदवारों को सीधे 16 % आरक्षण का नुकसान हो रहा है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)