
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य के पहले और दूसरे चरण के मतदान के दौरान, सभी 90,712 बूथों से लाइव वेब कास्टिंग की जाएगी। यह बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहला मौका है जब सभी मतदान केंद्रों पर लाइव निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।
इस लाइव प्रसारण का उद्देश्य मतदाताओं की कतार से लेकर मतदान कक्ष के अंदर तक की हर गतिविधि को सीधे रिकॉर्ड करना है। वेब कास्टिंग में मतदाता पर्ची, पहचान पत्र दिखाते हुए मतदाता और मतदान के बाद अंगुली पर लगी स्याही तक के दृश्य कैद होंगे।
इस वृहद निगरानी व्यवस्था के तहत, मतदान केंद्रों पर लगे कैमरों की आंख से निकलने वाला फुटेज न सिर्फ बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) कार्यालय में देखा जाएगा, बल्कि दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के अधिकारी भी चुनाव के दृश्य पर सीधी नजर रखेंगे। सीईओ विनोद सिंह गुंजियाल ने इस महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इसकी तैयारियों की लगातार समीक्षा भी की जा रही है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि लाइव फीड के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता पाए जाने पर तत्काल और जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। वेब कास्टिंग मतदान के दिन सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक जारी रहेगी और मतदान की हर पल की तस्वीर रिकॉर्ड की जाएगी। इस कार्य के लिए सभी जिलों में विशेष लाइव वेब कास्टिंग टीमें भी गठित की गई हैं।
चुनाव आयोग बाढ़ प्रभावित और नदी किनारे स्थित दियारा (बाढ़ के पानी से घिरे) इलाकों में सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारी कर रहा है। आयोग ने सूचना और संचार के साधनों को दुरुस्त करने के साथ ही इन संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम भी किए हैं।
बिहार में 127 बूथों को पूरी तरह से बाढ़ या जल जमाव वाले क्षेत्रों में चिह्नित किया गया है। इन बूथों तक मतदान कर्मियों को पहुंचाने के लिए संबंधित जिलों को नावों का इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है।
नदी और नालों के किनारे स्थित दियारा क्षेत्र के 250 ऐसे बूथों को चिह्नित किया गया है, जहां वाहनों का पहुंचना संभव नहीं है। इन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और मतदान पर निगरानी रखने के लिए घुड़सवार दस्तों का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोग के अधिकारियों के अनुसार, इन क्षेत्रों में तकनीक का प्रयोग करते हुए, घोड़े और नाव का इस्तेमाल मतदान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए किया जाएगा।
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इससे पहले, चुनाव आयोग के बिहार दौरे के दौरान भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में किसी भी क्षेत्र में कोई औपचारिकता या सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं की जाएगी, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित होगी। चुनाव आयोग ने हर क्षेत्र में चुनाव की सुपुर्दगी की जिम्मेदारी पर्यवेक्षकों को सौंपी है, जो मतदान की निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगे।






