कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
Bihar Election Results: बिहार में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर मतगणना अब से बस कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। चुनाव नतीजों से पहले यहां नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और तेजस्वी यादव की लीडरशिप वाले महागठबंधन ने जीत का दावा किया है। हालांकि, इस बात से पर्दा थोड़ी ही देर में उठने वाला है।
बिहार में इस बार दो चरणों में विधानसभा चुनाव आयोजित किए गए थे। पहले चरण में 6 नवंबर को तो दूसरे फेज के लिए 11 नवंबर को मतदान हुआ था। दोनों ही चरणों में बंपर वोटिंग देखने को मिली है। जिसमें कुल 66.91 फीसदी मतदान हुआ है। इसमें 62.8 परसेंट पुरुषों तो 71.6 फीसदी महिलाओं ने वोट डाला है।
11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल्स भी सामने आ गए। जिसमें से डीबी लाइव और जर्नों मिरर को छोड़कर तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा एजेंसियों ने बिहार में बंपर बहुमत के साथ नीतीश कुमार की वापसी का अनुमान लगाया है। वहीं, डीबी लाइव और जर्नो मिरर ने महागठबंधन की सरकार बनने का दावा किया है।
इसके अलावा एआई पॉलिटिक्स और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए के लिए मामूली बढ़त की भविष्यवाणी करते हुए टाइट फाइट का अनुमान लगाया गया है। इस सबके इतर दोनों ही खेमों के अपने-अपने जीत के, रिकार्ड बनाने के और इतिहास रचने के दावे हैं।
एनडीए की तरफ से कुछ नेताओं का कहना है कि बिहार में इस बार 2010 का रिकॉर्ड भी टूटने जा रहा है। 2010 में एनडीए को 206 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। नीतीश कुमार की जेडीयू को 115 सीटों पर विजश्री मिली थी तो भारतीय जनता पार्टी को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जबकि राजद महज 22 सीटों पर सिमट गई थी।
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हालांकि, राजनैतिक विश्लेषण एनडीए नेताओं के इस दावे को अतिउत्साही करार दे रहे हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि जब जेडीयू इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो 2010 कैसे दोहरा सकती है। वहीं, भाजपा के लिए भी 101 सीटों में 91 सीटों पर जीत हासिल करना बड़ी बात होगी। बाकी 41 सीटों पर लड़ रहने उनके सहयोगियों पर भी नजरें रहेंगी।
दूसरी तरफ महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव ने ही 1995 से भी बेहतर रिजल्ट की उम्मीद जताते हुए 18 नवंबर को शपथ ग्रहण की तारीख घोषित कर दी है। जबकि एग्जिट पोल्स में तस्वीर कुछ और ही दिख रही है। इसके अलावा 1995 में लालू यादव अपने सियासी शबाब पर थे और आरजेडी की जगह जनता दल था।