कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
पटना: वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का देशव्यापी ‘आंदोलन’ आज बिहार की राजधानी पटना से शुरू हो गया है। पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर मुस्लिम संगठन जुटे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे।
तेजस्वी यादव ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि भाईचारा खत्म हो रहा है, लोकतंत्र खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी आरजेडी, हमारे नेता लालू प्रसाद यादव आपका समर्थन करने आए हैं, हम सब आपके हाथ मजबूत करने आए हैं। किसी भी कीमत पर, चाहे हम सत्ता में रहें या नहीं, हमने सदन, विधानसभा और विधान परिषद में इस असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक बिल का विरोध किया है।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि आज हमने स्थगन प्रस्ताव लाया और इस पर चर्चा की मांग की, लेकिन सदन स्थगित कर दिया गया। हम आपको बताना चाहते हैं कि हम इसमें आपके साथ खड़े हैं। हमारा प्रयास है कि यह बिल किसी भी कीमत पर पारित न हो।
आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर भी पटना पहुंचे। उन्होंने कहा कि कहा यहां कहा कि आज देश में जिस तरह के हालात हैं, उसे समझते हुए, जिसके भी अधिकारों पर हमला होगा, वह उसकी रक्षा के लिए आगे आएगा। और जिस वर्ग के लिए हम राजनीति करते हैं, बहुजन समाज, कमजोर वर्ग, संविधान ने उनके अधिकारों पर हमले को रोकने के लिए विरोध करने का अधिकार दिया है। हम उसी का इस्तेमाल करने के लिए आज बिहार में हैं।
#WATCH | Bihar: Azad Samaj Party President Chandrashekhar Azad arrives in Patna to attend the protest organised by All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) against the Waqf (Amendment) Bill
He says, ” Understanding the kind of situation in the country today, whoever’s rights… pic.twitter.com/SS6R80r4JD
— ANI (@ANI) March 26, 2025
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को असंवैधानिक करार दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की, जिसके पहले चरण के रूप में 26 और 29 मार्च को पटना और विजयवाड़ा में राज्य विधानसभाओं के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
एआईएमपीएलबी और मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए एक गंभीर खतरा है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियां सरकारी संपत्ति नहीं बल्कि धार्मिक ट्रस्ट हैं और यह विधेयक वक्फ की स्वायत्तता पर गंभीर हमला है।
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मुस्लिम समुदाय की ओर से कहा जा रहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम संपत्तियों और उनकी संस्थाओं को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने के लिए लाया गया है। यह विधेयक 1995 के मौजूदा वक्फ अधिनियम में व्यापक बदलाव करता है। इससे सरकार को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप करने की अधिक शक्ति मिलती है।