
Delhi Traffic Police (सौ. X)
Online Fraud India: भारत में वाहन मालिकों को निशाना बनाकर एक बड़ा और बेहद खतरनाक ऑनलाइन फ्रॉड सामने आया है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी Cyble की जांच में 36 से ज्यादा ऐसी फर्जी वेबसाइट्स का खुलासा हुआ है, जो दिखने में बिल्कुल असली RTO e-Challan पोर्टल जैसी हैं। इन वेबसाइट्स को इतनी सफाई से डिजाइन किया गया है कि आम यूजर को लगता है कि वह किसी सरकारी साइट पर मौजूद है। जैसे ही लोग भरोसा करके अपनी पर्सनल और बैंकिंग डिटेल्स दर्ज करते हैं, उनकी पूरी जानकारी सीधे स्कैमर्स तक पहुंच जाती है।
पहले ऑनलाइन ठगी फर्जी ऐप या मालवेयर के जरिए की जाती थी, लेकिन इस बार तरीका और भी चालाक है। इस फ्रॉड में न तो कोई ऐप डाउनलोड करवाया जाता है और न ही फोन में वायरस डाला जाता है। बस एक SMS में आए लिंक पर क्लिक करते ही यूजर फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाता है। यही वजह है कि यह स्कैम तेजी से फैल रहा है और लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगती।
इस ठगी को विश्वसनीय दिखाने के लिए SMS भारतीय मोबाइल नंबर से भेजा जाता है, जो Reliance Jio पर रजिस्टर्ड होता है। जांच में यह भी सामने आया है कि वही नंबर एक State Bank of India अकाउंट से जुड़ा हुआ पाया गया। Jio और SBI जैसे भरोसेमंद नाम देखकर लोगों को कोई शक नहीं होता और स्कैमर्स इसी भरोसे का फायदा उठाते हैं।
फ्रॉड की शुरुआत एक मैसेज से होती है, जिसमें लिखा होता है कि आपके नाम पर ट्रैफिक चालान पेंडिंग है। चालान की रकम जानबूझकर कम रखी जाती है, जैसे करीब 590 रुपये, ताकि यूजर सोचे कि जल्दी भुगतान कर देना ही बेहतर है। मैसेज में 24 घंटे की डेडलाइन और “लाइसेंस सस्पेंड” या “कोर्ट नोटिस” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर डर पैदा किया जाता है।
SMS में दिया गया लिंक देखने में बिल्कुल असली e-Challan वेबसाइट जैसा लगता है। कई बार लिंक को शॉर्ट कर दिया जाता है ताकि पूरा URL न दिखे। वेबसाइट पर सरकारी लोगो, रंग, डिजाइन और MoRTH व NIC जैसे नाम दिखते हैं, जिससे शक की कोई गुंजाइश नहीं बचती।
जैसे ही यूजर गाड़ी का नंबर डालता है, वेबसाइट तुरंत चालान की जानकारी दिखा देती है, चाहे असल में कोई चालान हो या नहीं। कोई बैकएंड जांच नहीं होती, सब कुछ सिर्फ डर पैदा करने के लिए होता है।
इस स्कैम का सबसे खतरनाक हिस्सा पेमेंट पेज है। यहां सिर्फ डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान का विकल्प दिया जाता है। न UPI, न नेट बैंकिंग। जैसे ही कार्ड नंबर, CVV और एक्सपायरी डेट डाली जाती है, सारी जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है। स्क्रीन पर “Payment is being processed by Indian banks” जैसे फर्जी मैसेज दिखाकर भरोसा दिलाया जाता है।
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Cyble की रिपोर्ट में सामने आया है कि यही तरीका DTDC, Delhivery और यहां तक कि HSBC बैंक के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइट्स में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अगर ट्रैफिक चालान से जुड़ा कोई SMS आए तो उसमें दिए लिंक पर क्लिक न करें। असली जानकारी के लिए खुद Parivahan या आधिकारिक e-Challan वेबसाइट खोलें। अगर कोई वेबसाइट सिर्फ कार्ड से पेमेंट करने को कहे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।






