
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट। (सोर्स - सोशल मीडिया)
Fake Traffic Challan : सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर इन दिनों एक नया टेक्स्ट मैसेज स्कैम तेजी से फैल रहा है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। रेडिट पर एक यूजर ने इस स्कैम से जुड़ा अपना अनुभव साझा किया है। यूजर को एक SMS मिला, जिसमें लिखा था कि उसके वाहन पर ट्रैफिक चालान दर्ज हुआ है और तुरंत एक लिंक पर क्लिक कर भुगतान करने को कहा गया है।
पहली नजर में यह मैसेज पूरी तरह सरकारी और भरोसेमंद लगता है, लेकिन यूजर ने सतर्कता दिखाते हुए लिंक खोलने से पहले मैसेज भेजने वाले नंबर की जांच की, जिसके बाद पूरा मामला संदिग्ध नजर आया।
रेडिट पर शेयर किए गए पोस्ट का स्क्रीनशॉट।
यूजर के मुताबिक, यह मैसेज एक सामान्य मोबाइल नंबर से भेजा गया था, न कि किसी सरकारी या ट्रैफिक विभाग के आधिकारिक शॉर्ट कोड से। मैसेज में एक शॉर्ट URL लिंक दिया गया था, जो असली सरकारी वेबसाइट जैसा दिखता है।
स्कैमर्स इसी भरोसे का फायदा उठाकर लोगों को गुमराह करते हैं। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है या वह फर्जी वेबसाइट पर अपनी बैंक या UPI डिटेल डाल सकता है, जिससे अकाउंट खाली होने का खतरा रहता है।
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रेडिट पोस्ट वायरल होने के बाद कई यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में बताया कि उन्हें भी ऐसे ही मैसेज मिले हैं, जबकि उनके नाम पर कोई वाहन तक रजिस्टर्ड नहीं है। विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी चालान या भुगतान से जुड़े मैसेज पर सीधे भरोसा न करें।
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या ऐप जैसे mParivahan या राज्य ट्रैफिक पुलिस की साइट पर जाकर ही चालान की जानकारी जांचें। अनजान नंबर से आए लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी स्थिति में अपनी निजी जानकारी साझा न करें। सतर्कता ही ऐसे ऑनलाइन स्कैम से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।






