Hydrogen Train India में क्या है खास। (सौ. X)
Hydrogen Train India: भारतीय रेलवे ने देश में पहला हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रेन कोच सफल परीक्षण कर एक बड़ा कदम उठाते हुए पेश कर दिया है। यह परीक्षण चेन्नई स्थित इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया था। खास बात यह है कि यह कोच बिल्कुल नया नहीं है, बल्कि पहले डीजल से चलने वाली DEMU ट्रेन का हिस्सा था, जिसे अब पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन में बदला दिया गया है।
इस तकनीक से भरी हुई ट्रेन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह कोई धुआं या प्रदूषण नहीं फैलाती है। ट्रेन सिर्फ हाइड्रोजन गैस पर चलती है और इसके द्वारा वातावरण में छोड़ा जाने वाला एकमात्र तत्व है Water Vapour है। यानी न कोई हानिकारक गैस, न प्रदूषण। जो पर्यावरण के लिए वरदान जैसा है।
इस ट्रेन में हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम नाम का एक स्मार्ट और स्वच्छ तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें दो मुख्य बाते हैं:
इन दोनों के रासायनिक मिलन से बिजली उत्पन्न होती है जो ट्रेन के मोटर को चलाने के काम आती है। साथ ही यह सिर्फ गर्मी और केवल भाप पैदा करती है।
इस ट्रेन में एक बैटरी सिस्टम भी लगा होता है जो बिजली की मांग के अनुसार सहायता करता है:
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भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहां हाइड्रोजन ट्रेन का सफल उपयोग हो रहा है। इससे पहले जर्मनी और फ्रांस इस तकनीक को अपना चुके हैं। भारत भी अब उस राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और भविष्य में और अधिक हाइड्रोजन ट्रेनों को बनाने की योजना बना रहा है।
भारत के लिए ये तकनीक काफी जरूरी है क्योकि 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन एमिशन का लक्ष्य भारत ने तय किया है। ऐसे में हाइड्रोजन ट्रेनें इस मिशन को हासिल करने में बेहद अहम साबित होंगी। ये न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं बल्कि रेलवे को एक स्वच्छ, आधुनिक और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने वाली तकनीक भी हैं।