Car Engine को कैसे कर सकते है कोल। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: गर्मियों के मौसम में वाहन चलाने से पहले सिर्फ ईंधन पर ध्यान देना काफी नहीं होता, इंजन को ठंडा रखने वाले कूलेंट पर भी नजर बनाए रखना बेहद जरूरी है। कूलेंट की सही मात्रा इंजन को ओवरहीट होने से बचाती है और इसके घटने पर गंभीर नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि अगर कार में कूलेंट की कमी हो जाए या यह खत्म हो जाए, तो आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कूलेंट का मुख्य कार्य इंजन के तापमान को नियंत्रित करना होता है। इसके खत्म हो जाने पर इंजन बहुत जल्दी गर्म होने लगता है। अधिक तापमान पर इंजन के पार्ट्स आपस में घिसने लगते हैं और इंजन सीज़ होने की नौबत आ जाती है। यह मरम्मत बहुत महंगी हो सकती है।
कूलेंट की कमी से इंजन जरूरत से ज्यादा गर्म हो सकता है, जिससे हेड गैसकेट फटने की संभावना बढ़ जाती है। इसके फटने पर कूलेंट और इंजन ऑयल मिक्स हो सकते हैं, जिससे बड़ी तकनीकी खराबी आती है और इसकी मरम्मत में ₹5,000 से ₹10,000 तक खर्च हो सकता है।
रेडिएटर और वॉटर पंप कूलेंट की मदद से ही सुचारु रूप से काम करते हैं। कूलेंट न होने की स्थिति में वॉटर पंप ड्राई रन करता है, जिससे इसके पार्ट्स घिस सकते हैं या टूट सकते हैं। रेडिएटर अधिक गर्मी में फट भी सकता है।
अगर वाहन लंबे समय तक बिना कूलेंट के चलाया जाए, तो इंजन के ब्लॉक या सिलेंडर हेड में दरारें आ सकती हैं। ऐसे में इंजन को पूरी तरह बदलना पड़ सकता है, जिससे लाखों का खर्च आ सकता है।
कूलेंट न होने पर इंजन इतना गर्म हो सकता है कि कार अचानक बंद हो जाए। इससे न केवल इंजन को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि आपकी और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
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गर्मी के दिनों में समय-समय पर कूलेंट का स्तर चेक करना और जरूरत पड़ने पर उसे तुरंत रिफिल करना बेहद जरूरी है। यह छोटी सी सावधानी आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।