Delhi Pollution को रोकने के लिए सरकार का फैसला। (सौ. Pixabay)
Delhi New Rule For Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन न करने वाले दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड सभी कमर्शियल गुड्स व्हीकल्स को 1 नवंबर से राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के आदेश के बाद लिया गया है, जिसके तहत दिल्ली परिवहन विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है।
हर साल अक्टूबर से जनवरी के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से गिर जाती है। इसका मुख्य कारण है वाहनों से निकलने वाला धुआं, पराली जलाना और प्रतिकूल मौसम की स्थिति। सरकार का कहना है कि इस दौरान अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की एंट्री पर रोक लगाना जरूरी है ताकि लोगों को जहरीली हवा से राहत मिल सके।
दिल्ली परिवहन विभाग ने इस फैसले को लेकर एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि BS-IV मानक वाले वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों को एक संक्रमणकालीन अवधि के रूप में केवल 31 अक्टूबर 2026 तक दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
वहीं, BS-VI अनुपालक वाहन, जो सख्त उत्सर्जन मानकों को पूरा करते हैं, उन पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी। इन वाहनों से प्रदूषण का स्तर काफी कम होता है, इसलिए सरकार इन्हें राजधानी में आने की अनुमति दे रही है।
नोटिस के अनुसार, दिल्ली में पंजीकृत कमर्शियल गुड्स व्हीकल्स, BS-VI अनुकूल डीजल वाहन, 31 अक्टूबर 2026 तक BS-IV डीजल वाहन, और CNG, LNG या इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं होगी। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (GRAP) के तहत लागू रहेगा और इसकी समयसीमा प्रदूषण के स्तर के अनुसार तय की जाएगी।
ये भी पढ़े: भारतीय बाजार में आने वाली नई अर्फोडेबल SUV, Hyundai, Maruti और Tata तैयार कर रहीं धांसू मॉडल्स
नोटिस में कहा गया है, “वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों पर GRAP के विभिन्न चरणों के दौरान प्रतिबंध उस अवधि तक लागू रहेंगे, जब तक कि संबंधित चरण प्रभावी रहेगा।” गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को हुई CAQM की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि 1 नवंबर से दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाणिज्यिक वाहनों की एंट्री पर व्यापक प्रतिबंध लगाया जाए।
दिल्ली सरकार का यह कदम राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक अहम पहल है। प्रदूषण के मौसम में पुराने और ज्यादा धुआं छोड़ने वाले वाहनों की एंट्री रोकने से प्रदूषण स्तर में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।