संसद में राहुल गांधी (Image- Social Media)
Rahul Gandhi on Delhi Pollution: लोकसभा में आज एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सरकार से टकराए नहीं, बल्कि सहयोग का हाथ बढ़ाते हुए दिखाई दिए। और वह भी ऐसे मुद्दे पर, जिसने दिल्ली से लेकर पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है, वो है वायु प्रदूषण। राहुल गांधी ने संसद में कहा कि प्रदूषण केवल दिल्ली या किसी एक राज्य का नहीं, बल्कि यह पूरे देश के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट है। उन्होंने कहा कि इस पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए और अगले 5-10 साल के लिए एक ठोस योजना तैयार करनी चाहिए।
राहुल गांधी ने प्रदूषण को गंभीर मुद्दा बताते हुए मीडिया से कहा, “दिल्ली समेत प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सभी पार्टियां एकमत हो सकती हैं। हमारे बच्चों का भविष्य खतरे में है, उन्हें नुकसान हो रहा है, लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं, और सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस समस्या का समाधान बिना किसी आरोप-प्रत्यारोप के चर्चा के माध्यम से निकाला जाना चाहिए, और देश को यह संदेश देना चाहिए कि हम मिलकर प्रदूषण पर काम कर सकते हैं।”
राहुल ने आगे कहा, “यह ऐसा मुद्दा है जहां आरोप-प्रत्यारोप से कोई फायदा नहीं है। हमें अब एक साथ मिलकर समाधान की दिशा में काम करना होगा। देश को यह संदेश जाना चाहिए कि हम सब मिलकर समाधान की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि संसद में इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए, और हर शहर के लिए एक स्पष्ट योजना बननी चाहिए। राहुल ने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री खुद इस मुद्दे पर जानकारी दें।
कांग्रेस सांसद ने कहा, “हमारे अधिकांश बड़े शहर जहरीली हवा से घिरे हुए हैं। लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उनका भविष्य खतरे में है। लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। यह एक अहम मुद्दा है और मुझे पूरा यकीन है कि इस पर सरकार और हम सभी के बीच सहमति होगी। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सबकी भलाई से जुड़ा हुआ है। इस सदन में सभी इस बात से सहमत होंगे कि वायु प्रदूषण और इससे हमारे लोगों को हो रहे नुकसान पर हम सब मिलकर काम करेंगे।”
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सरकार ने भी राहुल की अपील का सकारात्मक जवाब दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजु ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है और कब और कैसे चर्चा हो, इस पर फैसला बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) कर सकती है। राहुल ने इस दौरान स्पष्ट किया कि चर्चा का उद्देश्य दोषारोपण नहीं, बल्कि यह होना चाहिए कि हम लोगों की तकलीफ कैसे कम कर सकते हैं, भले ही प्रदूषण को पूरी तरह खत्म करना संभव न हो।