बीएमडब्ल्यू iX5 हाइड्रोजन (फोटो- सोशल मीडिया)
भारत में एसयूवी सेगमेंट के किंग टाटा और महिंद्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। क्योंकि बहुत जल्द जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी BMW भारत में अपनी एक दमदार एसयूवी लॉन्च करने का प्लान बना रही है। कंपनी ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल एसयूवी के मास प्रोडक्शन पर फोकस बढ़ा दिया है।
BMW 2028 तक नई हाइड्रोजन एसयूवी को लॉन्च करने का प्लान बना रही है। दूसरी कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी, चार्जिंग और रेंज को लेकर संघर्ष कर रही हैं। वहीं माना जा रहा है कि BMW की यह कार इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट को हमेशा के लिए बदलकर रख सकती है।
BMW का दावा है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक कई मामलों में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों से बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें चार्जिंग का झंझट नहीं होता, क्योंकि हाइड्रोजन भरवाना ठीक पेट्रोल या डीजल की तरह जल्दी और आसान होता है। साथ ही, इसमें बैटरी की उम्र या रेंज को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होती। हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन लंबी दूरी तय कर सकते हैं और इनका रीफ्यूलिंग टाइम भी बेहद कम होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह तकनीक शून्य उत्सर्जन (Zero Emission) पर आधारित है, जिससे यह पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है।
कंपनी ने 2024 में अपनी पहली हाइड्रोजन SUV का प्रोटोटाइप iX5 Hydrogen को दुनिया के सामने लाया था। अब BMW इसी हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक का इस्तेमाल अपनी 2028 में लॉन्च होने वाली प्रोडक्शन SUV में करने जा रही है। यह SUV अगली पीढ़ी के X5 प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी और पूरी तरह से हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलेगी। कंपनी का मानना है कि यह वाहन भविष्य की ग्रीन मोबिलिटी का प्रतीक बनेगा और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
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भारत में X5 की सीधी टक्कर टाटा और महिंद्रा से होगी। भारत में फिलहाल हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद सीमित है, लेकिन सरकार ‘ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ के तहत इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। 2030 तक देश में हाइड्रोजन आधारित मोबिलिटी को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की गई है। ऐसे में अगर BMW भारतीय बाजार में हाइड्रोजन SUV के साथ कदम रखती है, तो इससे टाटा, महिंद्रा और हुंडई जैसी घरेलू कंपनियों पर तकनीकी कॉम्पिटिशन का दबाव बढ़ेगा, जिससे देश में क्लीन मोबिलिटी की दिशा में तेज प्रगति हो सकती है।