Maharashtra सरकार का बड़ा फैसला। (सौ. Pixabay)
Maharashtra traffic challan: महाराष्ट्र सरकार राज्यभर में पेंडिंग ट्रैफिक चालानों के निपटारे के लिए एक एमनेस्टी स्कीम (माफी योजना) लागू करने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत वाहन मालिक अपने पुराने चालानों को वन-टाइम सेटलमेंट (एकमुश्त भुगतान) के जरिए क्लियर कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल बकाया वसूली आसान होगी बल्कि नागरिकों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल ₹2,500 करोड़ से अधिक का बकाया ट्रैफिक जुर्माना है। इनमें से अकेले मुंबई में ही ₹1,000 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक मुंबई में करीब ₹1,817 करोड़ के ई-चालान जारी किए गए, लेकिन इनमें से केवल ₹817 करोड़ ही वसूले जा सके। बाकी रकम की वसूली के लिए सरकार अब इस नई योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ छोटे वाहन मालिकों को मिलने वाला है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दो और तीन पहिया वाहनों पर लगे चालानों में 75% तक की छूट दी जा सकती है। यानी वाहन मालिकों को केवल 25% राशि जमा करनी होगी। इसके अलावा, अगर कोई चालक चालान मिलने के 15 दिनों के भीतर भुगतान करता है, तो उसे 50% छूट का लाभ मिल सकता है। सरकार का मानना है कि इससे लोगों में समय पर चालान भरने की आदत विकसित होगी।
जहां टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर चालकों को बड़ी राहत दी जाएगी, वहीं लग्जरी कारों और महंगे वाहनों के मालिकों को कम छूट मिलेगी। बताया जा रहा है कि सरकार वाहन की कीमत और श्रेणी के आधार पर छूट की कैटेगरी तय करेगी। इसका उद्देश्य है कि अधिक महंगी गाड़ियों से उचित जुर्माना वसूला जा सके और सरकारी राजस्व भी बढ़े।
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इससे पहले सरकार ने लोक अदालतों के माध्यम से बकाया वसूली की कोशिश की थी, जिसमें चालानधारकों को 50% तक की छूट दी गई थी। हालांकि, उस योजना में लोगों की भागीदारी कम रही। अब सरकार को उम्मीद है कि नई वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम ज्यादा वाहन चालकों को आकर्षित करेगी और बकाया वसूली भी तेजी से हो सकेगी।
महाराष्ट्र सरकार की यह नई योजना ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के लिए राहत की खबर है। अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो लाखों वाहन मालिक अपने पेंडिंग चालानों को आसानी से निपटा पाएंगे। वहीं सरकार के खजाने में भी अतिरिक्त राजस्व आएगा।