सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: देश में इस वक़्त लोकसभा का चुनाव चल रहा है और मतदान प्रतिशत के हिसाब से ही अब सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत हार का समीकरण साधती है।ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट ने एक NGO की याचिका पर निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े उसकी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में कोई निर्देश देने से साफ़ इनकार कर दिया है।
इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि , मतदान के फिलहाल पांच चरण हो चुके हैं, दो चरण शेष हैं। निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल है।दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी जिसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का प्रतिशत करीब 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई थी।
इस पर चुनाव आयोग ने बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था जिसमें इस याचिका का विरोध किया है। चुनाव आयोग ने बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि फॉर्म 17 सी (प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड) के आधार पर मतदाता मतदान डेटा का खुलासा करने से मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा होगा।
इसके साथ ही ECI ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में तर्क दिया था कि ऐसा कोई कानूनी अधिकार नहीं है जिसका दावा सभी मतदान केंद्रों में मतदाता मतदान के अंतिम प्रमाणित डेटा को प्रकाशित करने के लिए किया जा सके। गौरतलब है कि, एक हलफनामा दायर किया था जिसमें मतदान के 48 घंटों के भीतर लोकसभा चुनाव 2024 में डाले गए वोटों की संख्या सहित सभी मतदान केंद्रों पर मतदान के अंतिम प्रमाणित डेटा का खुलासा करने की मांग की गई थी।