नई दिल्ली/लखनऊ. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) से मिली एक बड़ी खबर के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की जरुरी अनुमति दे दी है। जी हां, ज्ञानवापी में ASI के सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। आज हाई कोर्ट ने इस सर्वे को हरी झंडी दे दी है। इस तरह आज वाराणसी जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया है। अब निचली अदालत का फैसला तुरंत लागू होगा।
Allahabad High Court allows the Archaeological Survey of India to conduct a survey of the Gyanvapi mosque complex in Varanasi pic.twitter.com/ONYJhAipeJ
— ANI (@ANI) August 3, 2023
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है।
#WATCH | Allahabad HC has said that ASI survey of Gyanvapi mosque complex to start. Sessions court order upheld by HC: Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in Gyanvapi survey case pic.twitter.com/mnQJrTzS09
— ANI (@ANI) August 3, 2023
इसके साथ ही इलाहाबाद HC द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने की अनुमति देने पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, “मैं आदेश का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा।”
#WATCH | I welcome this verdict. I am confident that the truth will come out after the ASI survey and Gyanvapi issue will be resolved: UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya on Allahabad HC allowing ASI survey of Gyanvapi mosque complex pic.twitter.com/g6MioucQtz
— ANI (@ANI) August 3, 2023
जानकारी दें कि, 3 दिन तक चली सुनवाई के बाद बीते 27 जुलाई को इस बाबत फैसला सुरक्षित रखा गया था। फैसले से पहले मुस्लिम पक्ष ने सप्लीमेंट्री याचिका दाखिल की है। याचिका में अदालत से अपील की गई थी कि वाराणसी जिला अदालत के सर्वे कराने के फैसले और हिंदू पक्ष की याचिका खारिज की जाए।
जानें पूरा मामला
दरअसल वाराणसी के जिला जज ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वुजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के ASI सर्वे का जरुरी निर्देश दिया था। वहीं इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर बीते 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सीधे सलाह दी थी।
हालांकि इससे पहले वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर मुकदमा करने वाली राखी सिंह और अन्य की तरफ से एक जनहित याचिका की गई है। इसमें अदालत से अपील की गई है कि ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए।
ऐसे में खबर है कि, इस जनहित याचिका पर अब अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन व अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका पर 7 अगस्त (सोमवार) को सुनवाई होने की उम्मीद है।