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नागपुर. ‘चलो कोई नेक काम कर लें, किसी का दुःख अपने नाम कर लें, बहुत दिया है तुझे खुदा ने, कभी तो कुछ दौलत को आम कर लें, किसी को दो पल सुकून देकर, दुआओं का इंतजाम कर लें’….. इस कविता के बोल शहर की एक ऐसी शख्सियत के व्यक्तित्व को बयां करती हैं जिसने कोरोना काल में उखड़तीं सांसों को ‘प्यार’ भरा ऑक्सीजन देकर नया जीवनदान दिया है. आज जब कोरोना अपना तांडव मचाकर सांसें छीनने का काम कर रहा है तो वहीं अशमी ट्रांसपोर्ट के संचालक प्यारे खान ‘ऑक्सीजन मैन’ लोगों को ऑक्सीजन रूपी ‘प्राणवायु’ देने का काम कर रहे हैं. हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन का टोटा और इस प्राणवायु के लिए लोगों को रोता-बिलखता देख ‘प्यारे’ ने करीब एक करोड़ रुपए खर्च कर 32 टन ऑक्सीजन के 2 टैंकर लाकर मानव समाज के प्रति अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए एक नेक काम किया है. इस खेप से जहां हॉस्पिटलों को ऑक्सीजन मिली है, वहीं कई लोगों की जान बच पाई है.
ऑक्सीजन मैन कहते हैं कि चंद सांसों के लिए लोग गिड़गिड़ा रहे हैं और सांसों के अभाव में स्वजनों को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ता हुआ देख रहे हैं. कभी किसी ने सोचा भी नहीं था कि ऐसे भी दिन आएंगे. आज यह सब देखना काफी मुश्किल भरा है. अभी इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है और मैं ऐसे किसी काम आऊं, आज यह मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है. जब मुझे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा तो मैंने इस नेक कार्य के लिए विलंब नहीं किया. इसमें पिछले सप्ताह भिलाई से 16 टन ऑक्सीजन का एक टैंकर यहां भेजा था. इसके बाद दोबारा फिर से बेल्लोरी से 16 टन ऑक्सीजन का दूसरा टैंक यहां मंगवाया. वह बताते हैं कि कोविड के कारण बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पिछले सप्ताह समाज के दानदाताओं से ऑक्सीजन व वेंटिलेटर खरीदी के लिए सहयोग की अपील की गई थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने मानस ग्रुप की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद से पहल की थी.
इसमें ऑक्सीजन की 116 यूनिट खरीदी गई. एक सप्ताह में एक करोड़ रुपए का ऑक्सीजन मरीजों के लिए मुहैया कराया गया. वह कहते हैं कि अभी कोरोना मामले इतने अधिक बढ़ते जा रहे हैं कि ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाइयों की बहुत अधिक कमी हो रही है. इसे देखते हुए समाज के लोगों को आगे आना चाहिए. ऐसी परिस्थिति में लोगों की जान बचाने के लिए हमें कुछ करना चाहिए. हमें डर के बजाय एक सकारात्मक विश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा. कोरोना को हराने के लिए सभी एकजुटता दिखायेंगे तो हम इस पर जीत जरूर हासिल करेंगे. अभी बेहद जरूरी है कि नियमों का पालन करते हुए हमें घर से बाहर निकलना है. तभी हम अपनी और परिवार की जिंदगी बचा सकते हैं.
जिस तरह से इन दिनों ऑरेंज सिटी में ऑक्सीजन की किल्लत हुई है, उसे पूरा करने के लिए प्यारे खान जैसे कई ऑक्सीजन मैन की जरूरत है. ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो रहा है. घरों में क्वारंटाइन लोगों को भी ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में और लोगों व संस्थाओं को चाहिए कि वे आगे आकर लोगों की ऐसी संकट की घड़ी में मदद करें.