नागपुर. बहुचर्चित खैरलांजी हत्याकांड के आरोपी चकरू महाबु पिंजेवार (61) की मौत हो गई है। गुरुवार को नागपुर मेडिकल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई।
न्यायलय ने खैरलांजी हत्याकांड के आरोप में चकरू पिंजेवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद आरोपी नागपुर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। 7 अप्रैल को मृतक की अचानक सेहत ख़राब होने के कारण उसे मेडिकल अस्पातल में भर्ती कराया गया। लेकिन गुरुवार को इलाज के दौरान आरोपी की मौत हो गई।
जेल प्रशासन ने इस मामले की जानकारी धंतोली पुलिस स्टेशन को दी। धंतोली पुलिस ने इस मामले को अकस्मात मौत में दर्ज किया। आगे की जांच शुरू है।
क्या है खैरलांजी हत्याकांड मामला?
भंडारा जिले के खैरलांजी गांव में भोतमांगे परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना का उल्लेख विधानसभा के साथ-साथ संसद में भी किया गया। दलित और स्वर्ण के बीच विवाद में दलित परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या की गई थी। भैयालाल भोतमांगे की पत्नी और तीन बच्चे मारे गए थे। परिवार के मुखिया भैयालाल भोतमांगे खेत पर गए थे इसलिए वह बच पाए थे।
इस मामले में आरोपियों को फांसी की सजा के लिए कई आंदोलन हुए। भोतमांगे को न्याय दिलाने के लिए कई दलित संगठन उनके पीछे खड़े हो गए थे।
इस हत्याकांड के लगभग एक महीने बाद मुकदमा शुरू हुआ था। 15 अक्टूबर, 2008 को भंडारा सत्र न्यायालय ने आठ लोगों को दोषी ठहराया। जिसके बाद 2010 में नागपुर पीठ ने छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।