
इस जगह PAK करता है न्यूक्लियर टेस्ट, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Pakistan Nuclear Test in Balochistan: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने की योजना का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन जैसे देश पहले से ही परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने रूस और नॉर्थ कोरिया को भी इस सूची में जोड़ा।
यह बयान वैश्विक स्तर पर हलचल मचा गया क्योंकि 1998 के बाद किसी देश ने सार्वजनिक रूप से परमाणु विस्फोट नहीं किया है। अगर ट्रंप का यह दावा सच है, तो सवाल उठता है कि पाकिस्तान यह परीक्षण कहां और कैसे कर सकता है?
न्यूक्लियर ब्लास्ट के लिए किसी भी देश को सबसे पहले उपयुक्त और सुरक्षित टेस्ट साइट चुननी होती है। आमतौर पर ये स्थल दूरदराज के रेगिस्तानी या पहाड़ी इलाकों में होते हैं जहां जनसंख्या कम हो। विस्फोट से पहले जमीन में गहरा छेद किया जाता है, जिसमें न्यूक्लियर उपकरण रखा जाता है। ब्लास्ट के बाद रेडियोएक्टिव पदार्थ बाहर न निकले इसके लिए उस छेद को रेत, बजरी और सीमेंट जैसी सामग्रियों से सील किया जाता है।
परीक्षण के दौरान रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगातार सक्रिय रहते हैं। परीक्षण के बाद वैज्ञानिक उस क्षेत्र के तापमान, दबाव, रेडिएशन और भूकंपीय हलचल के आंकड़े एकत्र करते हैं। इससे यह पता चलता है कि परमाणु उपकरण ने कितनी ऊर्जा छोड़ी और उसका प्रभाव कितना था।
पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर अब तक केवल दो बार परमाणु परीक्षण किए हैं-
28 मई 1998: चगाई-I (पांच परीक्षण एक साथ)
30 मई 1998: चगाई-II (एक परीक्षण)
दोनों परीक्षण बलूचिस्तान में हुए थे। पहला चगाई जिले की रास कोह पर्वतमाला में और दूसरा खारन रेगिस्तान में किया गया था।
स्थानीय लोग खुद को इन परमाणु विस्फोटों का पीड़ित मानते हैं। उनका कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के उनके क्षेत्र को परीक्षण स्थल में बदल दिया गया। Earthquake List की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दस वर्षों के आंकड़ों को देखें तो बलूचिस्तान में हर साल औसतन लगभग 29 भूकंप दर्ज किए जाते हैं।
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ट्रंप के आरोप के बाद विश्लेषक यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर पाकिस्तान गुप्त परीक्षण कर भी रहा है, तो वह संभवतः इन्हीं दूरदराज इलाकों जैसे चगाई या खारन में ही कर सकता है।






