डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस
वाशिंगटन: ट्रंप के चुनाव अभियान टीम ने 11 अगस्त को ईरान पर लगाया था। आरोप था कि ईरान आगामी यूएस राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान को ईरान को हैक कर रहा है। यही नहीं इसके कुछ ही दिन बाद डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के भी चुनावी अभियान को ईरान द्वारा हैक करने की बात सामने आई थी।
इसके बाद इस मामले को अमेरिकी खूफिया एजेंसी ने गंभीरता से संज्ञान में लिया। अब एजेंसी ने भी इर्रान पर ट्रंप और हैरिस के प्रचार अभियान को हैक करने का आरोप लगाया है।
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अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान में हस्तक्षेप करने के लिए ईरान जिम्मेदार है। इसे अमेरिकी चुनाव के नतीजों को संभावित रूप से बदलने और देश की राजनीति में दखल देने के ईरान के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
संघीय जांच ब्यूरो (FBE) और अन्य संघीय एजेंसियों के आकलन में पहली बार अमेरिकी सरकार ने हैकिंग के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है जिससे चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है।
ईरान ने मांगा सबूत
अधिकारियों का मानना है कि ईरान ने ट्रंप के अभियान के अलावा कमला हैरिस के राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान को भी हैक करने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने हैकिंग से इनकार करते हुए कहा कि ईरान का चुनाव में हस्तक्षेप करने का न तो उद्देश्य है और न ही इरादा है और उसने अमेरिका को सबूत उपलब्ध कराने की चुनौती दी है।
यह बयान ऐसे वक्त में दिया गया है जब अमेरिका हमास के इस्माइल हनिया की हत्या को लेकर इजराइल पर बदले की कार्रवाई के खतरे को रोकने की उम्मीद कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है।
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गौरतलब है कि दक्षिणी बेरूत में पिछले महीने इजराइल के एक हमले में हिजबुल्ला का शीर्ष कमांडर मारा गया था जिसके बाद तेहरान और ईरान समर्थित हिजबुल्ला ने बदला लेने का संकल्प जताया है।