
अमेरिका जाने वालों को अब H1B वीजा मिलेगा योग्यता और वेतन के आधार पर (सोर्स-सोशल मीडिया)
New Lottery System Rules 2026: अमेरिका में करियर बनाने का सपना देख रहे भारतीयों और अन्य विदेशी पेशेवरों के लिए एक युग का अंत हो गया है। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने 23 दिसंबर 2025 को H-1B वीजा आवंटन की दशकों पुरानी ‘लॉटरी’ प्रणाली को आधिकारिक रूप से बदल दिया है।
अब रैंडम चयन के बजाय, ‘योग्यता और वेतन’ (Wage-Based) के आधार पर वीजा दिए जाएंगे। यह ऐतिहासिक बदलाव 27 फरवरी 2026 से प्रभावी होगा, जिसका सीधा असर वित्त वर्ष 2027 के वीजा आवेदनों पर पड़ेगा।
नए नियमों के तहत अब आवेदकों को उनकी सैलरी और स्किल्स के हिसाब से ‘वेटेज’ दिया जाएगा। अमेरिकी श्रम विभाग (DOL) के चार-स्तरीय वेतन ढांचे (Four-level prevailing wage system) का उपयोग करके आवेदकों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाएगा-
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार, पुरानी लॉटरी प्रणाली का कंपनियों द्वारा ‘दुरुपयोग’ किया जा रहा था। कंपनियां कम वेतन वाले विदेशी कामगारों को लाने के लिए कई फर्जी रजिस्ट्रेशन करती थीं, जिससे अमेरिकी श्रमिकों के वेतन और नौकरियों पर बुरा असर पड़ता था।
नए नियम से यह सुनिश्चित होगा कि H-1B वीजा केवल उन्हीं को मिले जो वास्तव में अत्यधिक कुशल हैं और अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
हालांकि चयन प्रक्रिया बदली है, लेकिन सालाना वीजा की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हर साल कुल 85,000 H-1B वीजा जारी किए जाएंगे-
इसके साथ ही, नए नियमों में कुछ श्रेणियों के लिए $100,000 की अतिरिक्त फीस का प्रावधान भी किया गया है ताकि केवल गंभीर नियोक्ता ही आवेदन करें।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से अनुभवी भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा जिनकी सैलरी अधिक है। हालांकि, अमेरिका से हाल ही में स्नातक (Graduation) करने वाले छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि वे अक्सर ‘लेवल 1’ या ‘लेवल 2’ की शुरुआती सैलरी पर काम शुरू करते हैं। नए नियम के बाद, लेवल 4 वाले आवेदकों के चयन की संभावना 107% तक बढ़ जाएगी, जबकि लेवल 1 वालों के लिए यह 48% तक घट सकती है।






