US दूतावास, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: इज़राइल में तीन बसों में हुए बम धमाकों के बाद वहां स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। दूतावास ने अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को अगले दो सप्ताह तक सार्वजनिक परिवहन के उपयोग से बचने की सलाह दी है।
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि 20 फरवरी को सार्वजनिक बसों में हुए विस्फोटों के मद्देनज़र सतर्कता बरतते हुए, दूतावास ने अपने सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को 14 दिनों तक इज़राइल में सार्वजनिक बसों और लाइट रेल का उपयोग करने से अस्थायी रूप से रोक दिया है। दूतावास ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।
दूतावास के अनुसार, हमले बिना किसी पूर्व सूचना के हो सकते हैं, और सुरक्षा स्थिति जटिल होने के साथ-साथ तेजी से बदल सकती है। नागरिकों को अपनी गतिविधियों की योजना बनाते समय इन जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए। दूतावास लगातार सुरक्षा स्थिति की निगरानी करता रहेगा और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जानकारी प्रदान करेगा।
मध्य इज़राइल में गुरुवार को तीन खड़ी बसों में क्रमवार बम विस्फोट हुए, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। हालांकि, इन धमाकों में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। सरकार को संदेह है कि इस घटना के पीछे चरमपंथियों का हाथ हो सकता है।
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पुलिस प्रवक्ता असी अहरोनी के अनुसार, दो अन्य बसों में भी विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए। पुलिस जांच में सामने आया कि कुल पांचों बम एक ही प्रकार के थे और सभी में टाइमर लगा हुआ था। इनमें से एक बम पर अरबी और हिब्रू भाषा में एक नोट भी पाया गया, जिसमें तुलकरम शरणार्थी शिविर से बदला लेने की बात लिखी थी।
बम विस्फोट के बाद, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वेस्ट बैंक में व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए सेना को निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने इज़राइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट और पुलिस को भी आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया।
शुक्रवार को पीएम नेतन्याहू तुलकरम शरणार्थी शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने इज़राइली सैनिकों से मुलाकात की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इज़राइल आतंकवाद के अड्डों को निशाना बना रहा है, सड़कों को समतल कर रहा है और आतंकवादियों का सफाया कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमास और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं और यह अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है।