व्हाइट हाउस से बस कुछ ही कदम दूर ट्रंप!
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होगा। वॉल स्ट्रीट जर्नल के सर्वेक्षण में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बेहद करीबी मुकाबला बताया गया है। इस बीच उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने 29 अक्टूबर को व्हाइट हाउस के सामने एलिप्से के निवासियों को संबोधित करने का फैसला किया। इस दौरान हैरिस डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अपना अभियान रुख पेश करेंगी। वह अपनी सरकार के प्रदर्शन की तुलना ट्रंप से करेंगी।
हैरिस ने राष्ट्र से एक भावनात्मक अपील करने की भी योजना बनाई है, जिससे उन्हें एक नई दृष्टि के लिए वोट करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ऐतिहासिक एलिप्से पार्क में भाषण में हजारों प्रशंसकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह पार्क व्हाइट हाउस के साउथ लॉन के पास स्थित है। यहां राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 जनवरी 2021 को एक रैली में बात की।
ये भी पढें: पाकिस्तान में ऐसे लूटे जाते हैं विदेशी पर्यटक, डर के मारे नहीं करते हैं कंप्लेन, अब पुलिस दे रही अपनी सफाई
कमला हैरिस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार को देश का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य बताया
रैली के बाद उनके हजारों समर्थकों ने कैपिटल हिल तक मार्च किया। उनके समर्थकों ने अमेरिकी कांग्रेस पर धावा बोल दिया और हिंसा शुरू कर दी। इस बीच, कमला हैरिस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार को देश का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य बताया। उन्होंने कहा कि कल हमें पता चला कि ट्रंप के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप ने कहा था कि वह हिटलर जैसा जनरल चाहते हैं। ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह अमेरिकी संविधान के प्रति वफादार सेना नहीं चाहते। उसे एक ऐसी सेना की जरूरत है जो उसके प्रति वफादार हो।
ये भी पढें: इजरायली हमला पर आया ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई का बयान, बोले- हमले को न तो बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कम करके आंके
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को डर है कि रूस, चीन और ईरान 5 नवंबर के चुनाव से पहले अमेरिकियों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें चुनाव के बाद हिंसा भड़काने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ख़ुफ़िया अधिकारियों ने ये चिंताएँ तब व्यक्त कीं जब उन्होंने पत्रकारों को अमेरिका के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हिंसा फैलाने के लिए धमकी और दुष्प्रचार का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। ये ताकतें अनिश्चितता पैदा कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें, खासकर रूस, ईरान और चीन, सामाजिक पतन लाना चाहते हैं।