
पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर बढ़ा अमेरिकी दबाव, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
US-Pakistan Relations: अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्यों ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि पाकिस्तान की मिलिट्री और उसका समर्थक तंत्र न केवल अपने देश में बल्कि अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी-अमेरिकी एक्टिविस्ट्स को भी डराने, धमकाने और चुप कराने की कोशिश कर रहा है।
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य ग्रेग कैसर और प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी प्रशासन को एक औपचारिक चिट्ठी भेजकर यह चिंता जताई है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान की मिलिट्री और सिविलियन अथॉरिटीज़ को उनके उन कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराएं जो पाकिस्तान की सीमाओं से बाहर आकर अमेरिकी लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं।
इस अभियान को कई पाकिस्तानी-अमेरिकी संगठनों का मजबूत समर्थन मिल रहा है, जिनमें कम्युनिटी अलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस और कोएलिशन टू चेंज US पॉलिसी ऑन पाकिस्तान जैसी संस्थाएं शामिल हैं। ये समूह अमेरिकी प्रशासन से कार्रवाई की मांग के लिए लगातार समर्थन जुटा रहे हैं।
इन समूहों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना ने फरवरी 2024 के विवादित चुनावों के बाद असहमति जताने वाले लोगों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इन चुनावों पर बैलेट पेपर में हेरफेर, मतदाताओं को दबाने और व्यापक धोखाधड़ी जैसे आरोप लगे थे, जिसका उद्देश्य पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को किनारे करना था। एक्टिविस्ट्स का दावा है कि पाकिस्तान में दमन की यह कार्रवाई अब अमेरिकी धरती पर भी महसूस की जा रही है।
कांग्रेस सदस्यों द्वारा भेजा गया यह लेटर पाकिस्तान पर बढ़ते राजनीतिक दबाव का हिस्सा है। इससे पहले रिपब्लिकन प्रतिनिधि जैक बर्गमैन और ग्रेग स्टैंटन भी राष्ट्रपति ट्रंप को एक संयुक्त पत्र भेज चुके हैं, जिसमें जनरल मुनीर और उनके प्रशासन पर टारगेटेड वीजा बैन लगाने और अमेरिकी सहायता रोकने की मांग की गई थी।
अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुनीर के खिलाफ माहौल तो बन रहा है, लेकिन निर्णायक कार्रवाई अभी भी बाकी है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की यात्रा पर गए अमेरिकी सांसदों ने स्वयं देखा है कि वहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को किस तरह कुचला जा रहा है। अमेरिकी कांग्रेस में Pakistan Democracy Act और Pakistan Freedom and Accountability Act जैसे बिल पहले से मौजूद हैं, जो सैन्य दमन पर सख्त निगरानी की मांग करते हैं।
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अमेरिका में रहने वाले एक्टिविस्ट्स का कहना है कि किसी सहयोगी देश को यह अनुमति नहीं दी जा सकती कि वह अमेरिकी धरती पर लोकतंत्र समर्थक आवाज़ों को धमकाए। पाकिस्तानी-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता जुनैद खान ने कहा कि उनके परिवार को केवल इस वजह से पाकिस्तान में परेशान किया गया क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने व्हाइट हाउस और स्टेट डिपार्टमेंट से उन अधिकारियों पर टारगेटेड बैन लगाने की मांग की, जो पाकिस्तान की सीमाओं से बाहर दमनकारी गतिविधियों में शामिल हैं।






