अमेरिका ने 11 ईरानी लोगों को गिरफ्तार किया (फोटो- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: ईरान और इजराइल के बीच मंगलवार को सीजफायर हो गया। इसी दौरान अमेरिका से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। अमेरिकी एजेंसियों ने दावा किया है कि देश में कई ईरानी कॉन्ट्रैक्ट किलर मौजूद हैं। इनमें से कुछ का संबंध ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से है। इसका खुलासा तब हुआ जब अमेरिका ने 11 ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया।
अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ICE) ने 11 ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। आईसीई एजेंट ने दावा किया कि एक व्यक्ति पूर्व में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का स्नाइपर रह चुका है। इसके अलावा आईसीई ने भी एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है जिसे 20 साल पहले ही अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया था। यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण स्थिति चल रही है। यही कारण है कि इसे लेकर कई सारे सवाल उठ रहे हैं, खासकर अमेरिका में ईरानी कॉन्ट्रैक्ट किलर्स की मौजूदगी को लेकर।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीई एजेंटों ने रविवार को उत्तरी अलबामा में एक ईरानी नागरिक, रिबवर कर्मी, को गिरफ्तार किया। उसके पास ईरानी सेना का पहचान पत्र (आईडी कार्ड) मिला, जिससे यह खुलासा हुआ कि वह 2018 से 2021 के बीच स्नाइपर के रूप में कार्यरत था। कर्मी अक्टूबर 2024 में के-1 वीजा पर अमेरिका में दाखिल हुआ था। इसके साथ ही एक अमेरिकी नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने आईसीई एजेंटों को जान से मारने की धमकी दी थी।
🚨 Since Sunday, @ICEgov has arrested 11 Iranian nationals in the U.S. illegally across eight states — including a former sniper in the Islamic Revolutionary Guard Corps. pic.twitter.com/mrwlpn0xzC
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) June 24, 2025
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आईसीई ने बताया कि पकड़े गए 11 ईरानी नागरिकों में से पांच पहले से ही आपराधिक मामलों जैसे चोरी और ड्रग रखने में लिप्त थे। इनमें मेहरान मकरी सहेली शामिल है, जिसे मिनेसोटा के सेंट पॉल के पास से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, वह ईरान की IRGC का पूर्व सदस्य है और उसने हिजबुल्लाह से संबंध स्वीकार किए हैं। एक अन्य व्यक्ति, यूसुफ मेहरिद्नो, जो पिछले आठ वर्षों से अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा था, मिसिसिपी के बाहर पकड़ा गया। वह आतंकवादी निगरानी सूची में है और वीजा आवेदन में झूठ बोल चुका है। आईसीई मामले की जांच कर रही है।