
यूक्रेन का रूस पर भीषण पलटवार, तेल टर्मिनल, फाइटर जेट्स और जहाज तबाह, मॉस्को में रूसी जनरल की मौत (सोर्स - सोशल मीडिया)
Tamanneftegaz Oil Terminal Strike: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब एक बेहद घातक मोड़ पर पहुंच गया है, जहां यूक्रेन ने रूसी सीमा के भीतर घुसकर बड़े हमलों को अंजाम दिया है। सोमवार को यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि उन्होंने रूस के महत्वपूर्ण तेल ठिकानों और सैन्य साजो-सामान को भारी नुकसान पहुंचाया है।
इस सिलसिलेवार हमले में न केवल ईंधन की सप्लाई चेन को तोड़ा गया है, बल्कि रूस के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया गया है। करीब 4 साल से चल रहे इस युद्ध में यूक्रेन का यह आक्रामक रुख रूसी रक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
तेल टर्मिनल और पाइपलाइन पर सटीक निशाना यूक्रेन के जनरल स्टाफ द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, उनकी सेना ने रूस के क्रास्नोडार क्षेत्र में स्थित ‘तमननेफ्तेगाज’ तेल टर्मिनल को निशाना बनाया है।
इस हमले में एक मुख्य तेल पाइपलाइन, दो डॉक और दो बड़े जहाजों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने तेल डिपो से उठती भीषण आग की लपटों की पुष्टि की है। इसके अलावा, यूक्रेन ने उन ठिकानों को भी नष्ट कर दिया है जहां से रूस हमलावर ड्रोन लॉन्च करता था।
लिपेत्स्क एयरबेस पर दो लड़ाकू विमान तबाह सैन्य खुफिया विभाग ने बताया कि रविवार शाम रूस के लिपेत्स्क शहर के पास एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया गया। इस मिशन के दौरान यूक्रेन ने रूस के दो खड़े हुए लड़ाकू जेट विमानों में आग लगा दी, जिससे वे पूरी तरह बेकार हो गए।
हालांकि, यूक्रेन ने यह खुलासा नहीं किया है कि इन हमलों के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया या फिर स्वदेशी ड्रोन का। दूसरी ओर, रूस ने दावा किया है कि उसने रात भर में यूक्रेन के 41 ड्रोन मार गिराए हैं।
रूसी जनरल की मौत युद्ध के मैदान से दूर, रूस की राजधानी मॉस्को में भी एक बड़ी घटना घटी है। दक्षिण मॉस्को में एक रूसी जनरल की कार के नीचे विस्फोटक लगाकर उन्हें निशाना बनाया गया। इस ब्लास्ट में जनरल की मौके पर ही मौत हो गई।
रूसी जांच एजेंसियां इस हाई-प्रोफाइल हत्या के पीछे यूक्रेनी खुफिया इकाई का हाथ होने का गहरा संदेह जता रही हैं। इस घटना ने मॉस्को की आंतरिक सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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युद्ध के 4 साल और बदलती रणनीति विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन अब अपनी रणनीति बदलते हुए सीधे रूस के आर्थिक और सैन्य बुनियादी ढांचे पर चोट कर रहा है। तेल टर्मिनलों को निशाना बनाने का उद्देश्य रूसी सेना की सप्लाई लाइन को कमजोर करना है।
यूक्रेन के पास संसाधनों की कमी के बावजूद, खुफिया सूचनाओं पर आधारित ये सटीक हमले रूस को रक्षात्मक होने पर मजबूर कर रहे हैं। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ने की आशंका है।






