
सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
China Tank Upgradation: चीन ने तिब्बत जैसे ऊंचे और बहुत ठंडे इलाकों में तैनात करने के लिए अपने टाइप-99 लाइट बैटल टैंक को अपग्रेड किया है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टैंक में अब बेहतर इन्फॉर्मेशन-बेस्ड कमांड और कम्युनिकेशन क्षमताएं, बेहतर इंटीग्रेटेड फायरपावर और एडवांस्ड टेक्निकल सिस्टम हैं।
यह डेवलपमेंट भारत द्वारा अपने स्वदेशी रूप से विकसित ‘जोरावर’ लाइट टैंक का अनावरण करने के तुरंत बाद हुआ है, जिसे खास तौर पर चीन से सटे ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया है। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी आधिकारिक मीडिया के हवाले से यह रिपोर्ट दी है।
डोगरा योद्धा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखे गए भारत के ‘जोरावर’ टैंक का वज़न लगभग 25 टन है। इसकी तुलना में चीन का अपग्रेडेड टाइप-99 टैंक कथित तौर पर लगभग 55 टन का है, जो इसे काफी भारी बनाता है। हालांकि अभी तक दोनों ही देशों ने सीमा पर इनकी तैनाती नहीं की है।
चीन ने सबसे पहले 2017 में इस लाइट टैंक के डेवलपमेंट की घोषणा की थी और उसी साल सितंबर में बीजिंग में एक मिलिट्री परेड में इसे दिखाया था। इसका लेटेस्ट वर्जन खास तौर पर ऊंचे इलाकों और बहुत ठंडे मौसम में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए डिज़ाइन किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, टाइप-99 चीन का तीसरी पीढ़ी का मुख्य बैटल टैंक है, जिसे अत्याधुनिक पश्चिमी टैंकों के बराबर माना जाता है। यह 125mm मुख्य बंदूक, भारी कवच और एक्टिव और पैसिव सुरक्षा प्रणालियों से लैस है। ऐसे में कहा यह भी जा रहा है कि भारत भी आने वाले समय में अपने टैंकों को और अत्याधुनिक बना सकता है।
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इसके पुराने वर्जन टाइप-99A में भी अपग्रेडेड फायर कंट्रोल, नेविगेशन, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमेटेड सिस्टम थे। मिलिट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत और चीन दोनों द्वारा ऊंचे इलाकों के लिए लाइट टैंकों पर दिया गया ज़ोर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बढ़ते रणनीतिक मुकाबले को दिखाता है।






