रूस के सारातोव पर यूक्रेन ने बरसाए ड्रोन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Ukraine Saratov Drone Attack: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध एक बार फिर तेज हो गया है। ओडिसा पोर्ट पर रूस द्वारा किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद यूक्रेन ने त्वरित जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के दक्षिण-पश्चिमी सारातोव क्षेत्र पर ड्रोन हमला किया।
इस हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई रिहायशी और सार्वजनिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका के नेतृत्व में युद्ध समाप्त करने को लेकर शांति वार्ताएं चल रही हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेनी ड्रोन हमले में सारातोव क्षेत्र की एक रिहायशी इमारत को गंभीर क्षति पहुंची है। इसके अलावा एक किंडरगार्टन और एक क्लिनिक की कई खिड़कियां टूट गईं। सारातोव क्षेत्र के गवर्नर रोमन बुसार्गिन ने कहा कि हमले के बाद इलाके में आपात सेवाओं को तुरंत तैनात किया गया और हालात पर नजर रखी जा रही है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने रात भर में रूसी क्षेत्र को निशाना बनाने वाले 41 यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराया। वहीं, यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि यह हमला ओडिसा पोर्ट पर हुए हमले का सीधा बदला था, जहां रूस ने तुर्की के एक जहाज को निशाना बनाया था।
A Ukrainian drone attack on the central Russian city of Saratov killed two people on Saturday, local authorities said. Read more: https://t.co/PEUPTZeKxF pic.twitter.com/HwpSUmrwPR — The Moscow Times (@MoscowTimes) December 13, 2025
इस बीच, यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में रूसी हमलों के चलते हालात और बिगड़ गए हैं। क्षेत्रीय प्रमुख ओलेक्सांद्र प्रोकुदिन ने बताया कि रूसी हमलों में ऊर्जा अवसंरचना को नुकसान पहुंचने के कारण कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों का आरोप है कि रूस जानबूझकर यूक्रेन के पावर ग्रिड को निशाना बना रहा है ताकि सर्दियों में नागरिकों को बिजली, पानी और हीटिंग जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा सके। यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे सर्दी को हथियार बनाने की रणनीति करार दिया है।
राजनीतिक मोर्चे पर भी तनाव बरकरार है। क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा है कि यदि भविष्य में शांति समझौता होता भी है, तब भी रूस पूर्वी यूक्रेन के डोनाबास क्षेत्र से पीछे नहीं हटेगा। उनके मुताबिक, वहां रूसी पुलिस और नेशनल गार्ड की तैनाती जारी रहेगी, जिससे यह साफ है कि मॉस्को युद्ध के बाद भी इस उद्योग-समृद्ध क्षेत्र पर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन संकेत दे चुका है कि यदि शर्तें उसके हितों के खिलाफ रहीं तो वह समझौते को खारिज कर सकता है। रूस ने युद्धविराम के लिए यूक्रेनी सेनाओं के फ्रंट लाइन से पीछे हटने की शर्त रखी है, जिसे कीव के लिए स्वीकार करना आसान नहीं है।
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इसी कड़ी में जर्मनी ने घोषणा की है कि वह सोमवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की की मेजबानी करेगा। इस बैठक को शांति प्रयासों को नई दिशा देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है। फिलहाल, सबसे बड़ी बाधा उन यूक्रेनी क्षेत्रों के भविष्य को लेकर है, जिन पर रूस ने कब्जा कर रखा है।