अमेरिकी रक्षा विभाग' अब कहलाएगा 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर, (एआई फोटो)
Donald Trump Department of War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा विभाग का नाम बदलकर “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि दूसरे विश्व युद्ध से पहले भी इसे इसी नाम से पुकारा जाता था। शुक्रवार को ट्रंप ने इस संबंध में आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद यह तुरंत प्रभाव से लागू हो गया। अब विभाग से जुड़े अधिकारियों के पदनाम में भी “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” लिखा जाएगा।
व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम अमेरिकी सेना और विभाग की ताकत व पहचान को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। जानकारों के अनुसार, ट्रंप सरकार का यह फैसला रक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
🚨 President Donald J. Trump signs an Executive Order officially restoring the name "Department of War" to the Department of Defense.
This is the 200th Executive Order the President has signed since taking office. pic.twitter.com/OuLfuSoRLR
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) September 5, 2025
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस आदेश में ‘युद्ध विभाग’ को एक सेकेंडरी शीर्षक के रूप में जोड़ा गया है। ऐसा करने से प्रशासन को किसी संघीय एजेंसी का नाम बदलने के लिए कांग्रेस की औपचारिक मंजूरी लेने की ज़रूरत नहीं रह जाएगी। आदेश पर हस्ताक्षर के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ट्रंप ने इस कदम का बचाव किया और इसे परंपरा व शक्ति की वापसी बताया। उन्होंने कहा, “हमने पहला और दूसरा विश्व युद्ध जीता, उनके बीच के युद्ध भी जीते। लेकिन फिर हमने जागरूक होने का नाटक किया और विभाग का नाम बदलकर रक्षा विभाग रख दिया।”
White House ने बताया कि अब जो लोग पेंटागन की आधिकारिक वेबसाइट defense.gov पर जाते हैं, उन्हें स्वतः ही war.gov पर भेज दिया जा रहा है, ताकि नई पहचान और ब्रांडिंग को दर्शाया जा सके।
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस कदम की जोरदार सराहना की। उनका कहना था, “अब हम केवल रक्षा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आक्रामक रणनीति भी अपनाएंगे। हम सिर्फ रक्षक नहीं, बल्कि असली योद्धाओं को तैयार करेंगे। राष्ट्रपति महोदय, यह ‘युद्ध विभाग’ अमेरिका की पहचान की तरह ही फिर से लौट आया है।”
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यह नाम परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक विवादित हवाई हमला किया था। इस हमले में एक छोटी नाव पर सवार 11 लोगों की मौत हो गई थी। पेंटागन का दावा है कि वह नाव ड्रग तस्करी में शामिल थी और वेनेज़ुएला के कुख्यात अपराधी गिरोह ट्रेन डे अरागुआ से जुड़ी थी।