
वेनेजुएला पर हमला करने की तैयारी में अमेरिका (सोर्स- सोशल मीडिया)
US Start War Against Venezuela: अमेरिका और वेनेजुएला के बीच पिछले कई महीनों से तनाव चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो पिछले महीने यहां तक कह दिया था कि अगर जरूरत पड़ी को वो वेनेजुएला पर सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं। इसी बीच एक पूर्व अमेरिकी रक्षा खुफिया अधिकारी फिलिप इन्ग्राम ने खुलासा किया है कि राष्ट्रपति सीधा हमला करने की जगह दूसरे तरीके से वेनेजुएला को कमजोर करेंगे।
इन्ग्राम ने यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू देते हुए ट्रंप के खुफिया प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ ड्रग्स के खिलाफ युद्ध तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका का पूरा आक्रमण हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में ट्रंप ने कैरेबियन सागर में ड्रग्स की तस्करी करने वाले जहाजों पर बमबारी कर कई तस्करों को मार दिया है। हालांकि, उनका असली लक्ष्य वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो हैं। ट्रंप ने मादुरो के लिए चेतावनी दी थी कि उनके दिन गिनती के हैं।
अमेरिका ने अपनी नौसेना और वायुसेना वेनेजुएला के पास तैनात कर दी है। वॉशिंगटन का आरोप है कि मादुरो की सरकार अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी में शामिल है। इन्ग्राम के अनुसार मादुरो और उनके सहयोगियों ने गैंगस्टर पैराडाइज बनाकर अमीर हो गए हैं। मादुरो ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है और देश में हथियार तैनात किए हैं, लेकिन इन्ग्राम का मानना है कि अब टकराव रोकना मुश्किल है।
इन्ग्राम के अनुसार ट्रंप वेनेजुएला को अमेरिका के दुश्मनों का अड्डा मानते हैं और उन्होंने मोनरो डॉक्टराइन को दोबारा लागू करने की कोशिश की है, ताकि पश्चिमी गोलार्ध में कोई विदेशी ताकत हस्तक्षेप न कर सके। CIA को पहले ही सीक्रेट मिशन की अनुमति दे दी गई है, जिसके तहत अमेरिका विपक्षी समूहों को पैसा दे रहा है, स्थानीय एजेंट भर्ती कर रहा है और सेना को मादुरो के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहा है।
यह भी पढ़ें: ‘काल’ बनकर आया तूफान… चारो ओर बाढ़, मलबा और मौत, फिलीपींस में मचा हाहकार
इन्ग्राम के अनुसार हमला साइबर वॉर से शुरू होगा, जिसमें अमेरिकी साइबर कमांड वेनेजुएला की बिजली, इंटरनेट और सैन्य नियंत्रण प्रणाली को निशाना बनाएगा। इसके बाद सीआईए एजेंट और अमेरिकी सैनिक मादुरो और उनके करीबी नेताओं पर हमला करेंगे। तेल क्षेत्र और हवाई अड्डों पर कब्जा के बाद वेनेजुएला कमजोर होगा। अमेरिका देश पर कब्जा नहीं करेगा, बल्कि उसे आर्थिक रूप से जकड़ लेगा।






