
मैक्सिको के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी में ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Trump Send Troops to Mexico Border: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ड्रग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सक्रिया है। वो लगातार वेनेजुएला और कोलंबिया से आने वाले ड्रग पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे है। इसी बीच ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वो अब मेक्सिको के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। यहां तक कि उन्होंने मेक्सिको में अमेरिकी कॉम्बैट यूनिट्स और सीआईए टीमों को मिशन पर भेजने का इरादा जताया है।
यदि यह अभियान लागू हुआ तो यह सौ साल बाद पहली बार होगा जब अमेरिकी सैनिक मेक्सिको की जमीन पर कदम रखेंगे। आखिरी बार 1916 में जनरल जॉन पर्शिंग ने पैनचो विला का पीछा किया था। इस ऑपरेशन का प्राथमिक लक्ष्य नेमेसियो ओसेगुएरा सर्वांतेस (उर्फ एल मेंचो) जैसे शक्तिशाली कार्टेल नेता होंगे, जिन्हें अमेरिका ने सार्वजनिक दुश्मन घोषित किया है।
योजना के तहत ड्रग लैब्स और कार्टेल कमांड साइट्स पर ड्रोन स्ट्राइक और हवाई हमलों की संभावना भी बताई गई है। जानकारी के मुताबिक, जेएसओसी और सीआईए की संयुक्त टीमें इन हमलों को अंजाम देंगी। अमेरिकी फोर्सेज ने दक्षिण अमेरिकी तट के पास पहले भी संदिग्ध ड्रग रनिंग नावों पर एयर स्ट्राइक की थी, जिनमें दर्जनभरों लोगों के मारे जाने की खबरें सामने आई थीं।
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम पार्डो ने स्पष्ट कर दिया है कि मेक्सिको अपनी सीमा पार अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच सहयोग और साझेदारी होनी चाहिए, न कि एकतरफा अमेरिकी सैन्य कार्रवाई।
ट्रंप प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में कुछ मेक्सिकी कार्टेल्स को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था, जिससे अमेरिका को सैन्य विकल्पों के उपयोग के कानूनी आधार पर बल मिला। ट्रंप ने पहले भी संकेत दिए थे कि जरूरत पड़ी तो कार्टेल किंगपिन्स को लक्ष्य बनाया जा सकता है यह कदम अमेरिका में ड्रग-आधारित मौतों और फेंटेनाइल जैसी शक्तिशाली दवाओं से होने वाली बड़ी संख्या में मौतों के खिलाफ एक कड़ा जवाब है।
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कुल मिलाकर वॉशिंगटन अब मेक्सिको में सीधे दखल देने की तैयारी में दिखता है, मगर मेक्सिको की सरकार ऐसे एकपक्षीय सैन्य कदम की शर्तों को ठुकरा चुकी है दोनों देशों के बीच तनाव और कूटनीतिक जटिलताएँ इस योजना के आगे बढ़ने में अहम भूमिका निभाएँगी।






