बांग्लादेश में लगाए गए जिहादी नारे (फोटो- सोशल मीडिया)
Bangladesh News: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से कट्टरपंथी तत्वों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले लगातार जारी हैं। इसी दौरान, एक जुलूस निकाला गया, जिसमें आतंकी संगठनों के झंडे लहराए गए और जिहाद के समर्थन में नारेबाजी की गई।
यह जुलूस बिते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद निकाला गया। ढाका स्थित राष्ट्रीय मस्जिद बैतुल मुकर्रम के प्रांगण में हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी जिहादी संगठनों के सदस्यों ने खुलकर ‘जिहाद’ के समर्थन में नारे लगाए और खुद को “जिहादी” घोषित किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, जिहादी समूहों के सदस्य ढाका के विभिन्न जिलों से आए थे और उन्होंने जुमे की नमाज के बाद मस्जिद के बाहर नारे लगाए, जैसे- “जिहाद चाहिए, जिहाद से जीना है”, “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर”, “कौन हैं हम? मिलिटेंट, मिलिटेंट”। इसके अलावा “इस्लामी बांग्लादेश में काफिरों के लिए कोई जगह नहीं। जैस हिन्दू विरोधी नारे भी लगे।
Today, July 18, 2025, Islamists demonstrate in Bangladesh while waiving ISIS flags and chanting, “Who are you? Who am I? “Jongi,” “Jongi!” The Bengali term “Jongi” refers to terrorists or jihadists.
This gathering, especially following Friday prayers at the national mosque,… pic.twitter.com/EOwifJHuQk
— Mohammad A. Arafat (@MAarafat71) July 18, 2025
5 अगस्त 2024 को सत्ता परिवर्तन के बाद, रिपोर्टों के अनुसार सैकड़ों ऐसे व्यक्तियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जिन्हें पहले आतंकवाद से जुड़े मामलों में आरोपी बनाया गया था। जेल विभाग के मुताबिक अब तक 300 से अधिक मिलिटेंट्स को जेल से रिहा किया जा चुका है, जिनमें कई ऐसे भी हैं जिन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 11 महीनों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़े कुल 148 आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया है। इन आरोपियों में कई ऐसे हैं जिनके संबंध शेख हसीना सरकार द्वारा चिन्हित आतंकी संगठनों जैसे हर्कत-उल-जिहाद, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, हिज्ब उत-तहरीर और हमजा ब्रिगेड से रहे हैं। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख माने जाने वाले मुफ्ती जसीमुद्दीन रहमानी को भी सत्ता परिवर्तन के बाद जमानत मिल चुकी है। जानकारी के अनुसार, वे सैन्य समर्थन के साथ सार्वजनिक रूप से इस्लामी नारे लगाते देखे गए हैं।
🎥🇧🇩 Des milliers de personnes ont participé samedi à Dhaka, capitale du pays, à un rassemblement de soutien au parti Jamaat-e-Islami bangladais. Il s’agit d’une démonstration de force qui consacre son grand retour sur le devant de la scène politique à quelques mois des élections pic.twitter.com/pm38PCc0sw
— Press TV Français (@fr_presstv) July 20, 2025
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वहीं, जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने शनिवार को ढाका के सुहरावर्दी उद्द्यान में एक राष्ट्रीय रैली आयोजित की है। इस रैली के लिए शुक्रवार से ही पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक राजधानी में जुटने लगे हैं। कुछ पारंपरिक परिधान में दिखे, तो कुछ सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए, जिन पर नारे लिखे थे “पहला वोट लूटेरों के खिलाफ” और “वोट दो तराजू को”। जो उनके चुनावी प्रतीक की ओर संकेत करते हैं।