संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग
संयुक्त राष्ट्र: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने अपनी चिंता जताई है। यांग गुरुवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष यांग ने स्थायी शांति के लिए ‘‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप” बातचीत और राजनयिक समाधान की भी वकालत की। यांग की अपील भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के एक दिन बाद आई है।
इसके बाद पाकिस्तान सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय गांवों को निशाना बनाते हुए तोप और मोर्टार से गोलाबारी तेज कर दी है, जो हाल के वर्षों में सबसे तेज गोलाबारी में से एक है।
यूएनजीए अध्यक्ष यांग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती शत्रुता को लेकर बेहद चिंतित हूं। मैं दोनों पक्षों से अधिक से अधिक संयम बरतने और तत्काल तनाव कम करने की अपील करता हूं।’ यांग ने आतंकवाद और नागरिकों पर हमलों की भी निंदा की तथा कहा कि स्थायी शांति के वास्ते जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मैं एक बार फिर सभी आतंकवादी हमलों और नागरिकों तथा नागरिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ हमलों की निंदा करता हूं।’ यांग ने आगे कहा, ‘मेरा दृढ़ता से यह मानना है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बातचीत एवं कूटनीतिक समाधान ही मतभेदों को सुलझाने तथा स्थायी शांति एवं स्थिरता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है।’
इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत और पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी थी। गुटेरेस ने दोनों देशों की शांति की अपील करते हुए कहा था कि इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि सैन्य तरीके से कोई भी समाधान नहीं निकल सकता है।
पाकिस्तान पर बरसी मिसाइलें तो घबराया चीन
गुटेरेस ने अपने बयान में कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों की सरकारों और नागरिकों का सम्मान करता हूं और यूएन शांति मिशन में उनके योगदान के लिए आभारी हूं। हालांकि मुझे पीड़ा है कि इन दोनों देशों के आपसी संबंध खतरनाक मोड़ पर आ गए हैं। इस मुश्किल घड़ी में ज्यादा संयम बरतने की जरूरत है। दोनों देशों को मेरा यही संदेश है कि आप युद्ध की गलती ना करें, सैन्य कार्रवाई से कोई समाधान नहीं होता है।