इस्कॉन भक्तों को लेकर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुली धमकी
नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले जारी हैं। यही नहीं अब तो खुलेआम काटने और मारने की धमकी दी जा रही है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने खुलेआम नारा लगाया है- ‘एक इस्कॉन भक्त को पकड़ो, फिर कत्ल करो।’ इस पर बांग्लादेश मूल की रहीं मूल निवासी और कॉलमनिस्ट तस्लीमा नसरीन ने इस पर टिप्पणी की है।
तस्लीमा नसरीन सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर पोस्ट में लिखती हैं कि चटगांव स्थित समूह हिफाज़त-ए-इस्लाम ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। आज उनका नारा था एक इस्कॉन भक्त को पकड़ो, फिर कत्ल करो। हिफाज़त-ए-इस्लाम ने आतंकवाद का आह्वान किया है। वे इस्कॉन के सदस्यों को मारना चाहते हैं।
ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान ने UN में फिर से आलापा जम्मू कश्मीर का राग, भारत ने लगाई लताड़, दिया मुंहतोड़ जवाब
इस्कॉन एक आतंकवादी संगठन है कि इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए? क्या इस्कॉन के सदस्यों ने कभी हरे कृष्ण, हरे राम का नारा लगाते हुए किसी की हत्या की है? दूसरी ओर, इस्लामी आतंकवादी लोगों को मारते समय अल्लाहु अकबर का नारा लगाते हैं।
तस्लीमा नसरीन ने किया सवाल
तस्लीमा नसरीन ने सवाल उठाते हुए पोस्ट किया कि, इस्कॉन दुनिया भर के कई देशों में मौजूद हैं और कहीं भी इसे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन बांग्लादेश में ऐसा होता है। ऐसा क्यों है? क्योंकि इस देश में बड़ी संख्या में इस्लामिस्ट और जिहादी हैं जो दूसरे धर्मों के लोगों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। वे गैर-मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने या उन्हें उनकी ज़मीन से भगाने के लिए हर तरह की चाल और हथकंडे अपनाते हैं।
हिफाजत-ए-इस्लाम निभा रहा आतंकवादियों की भूमिका
लेखिका कहती हैं, हिफाजत-ए-इस्लाम यहां आतंकवादियों की भूमिका निभा रहा है, जबकि इस्कॉन सताए गए अल्पसंख्यक हैं। चटगांव के हजारी लेन में सेना और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से हिंदुओं पर अत्याचार करने के पीछे असली वजह क्या है? क्या इसलिए कि उस्मान मोल्लाह नामक व्यक्ति ने फेसबुक पर इस्कॉन के खिलाफ कुछ पोस्ट किया और कुछ हिंदुओं ने उस्मान मोल्लाह की दुकान पर विरोध प्रदर्शन किया?
तस्लीमा ने यूनुस सरकार की आलोचना की
या इसलिए कि हिंदुओं ने अपना भगवा झंडा बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज से थोड़ा ऊपर लटका दिया था? या इसलिए कि बड़ी संख्या में हिंदू हिंदुओं की सुरक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए? लेकिन मुझे लगता है कि असली वजह यह है कि सड़कों पर लाखों हिंदुओं को देखकर जमात-शिबिर-हिज्ब उत-तहरीर गठबंधन की सरकार थोड़ी घबरा गई।
ये भी पढ़ें:-20 जनवरी को ही क्यों शपथ लेते हैं अमेरिका के नए प्रेसीडेंट, 90 सालों से चली आ रही है परंपरा
अपनी घबराहट दूर करने के लिए उन्होंने रात के अंधेरे में हजारी लेन पर छापा मारा। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और रास्ते में मिलने वाले हर हिंदू की पिटाई की। उन्होंने कई हिंदुओं को गिरफ्तार किया। जमात-शिबिर-हिज्ब उत-तहरीर सरकार क्या चाहती है? क्या वे चाहते हैं कि हिंदू सभी उत्पीड़न के डर से देश छोड़ दें? क्या खिलाफत स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है?