
सूडान में लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ सैन्य विमान, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Sudan Plane Accident News: सूडान के पूर्वी हिस्से में तटीय शहर पोर्ट सूडान के उस्मान दिग्ना एयर बेस पर मंगलवार को एक सैन्य कार्गो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सैन्य अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह इल्यूशिन Il-76 मॉडल का विमान था, जो लैंडिंग के दौरान अचानक तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। हादसा इतना भीषण था कि विमान में मौजूद चालक दल के सभी सदस्य मौके पर ही मारे गए। हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने सदस्य विमान में सवार थे।
सैन्य अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार नहीं है, इसलिए वे संख्या साझा करने से बच रहे हैं। इस बीच सूडान के वरिष्ठ पत्रकार उस्मान मिर्घनी ने सोशल मीडिया पर पुष्टि की कि उनके भतीजे और सैन्य पायलट उमरान मिर्घनी भी इस दुर्घटना में शामिल थे। उन्होंने अपने पोस्ट में गहरा शोक व्यक्त किया। सेना की ओर से अभी तक इस हादसे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
सूडान में विमान हादसे कोई नई बात नहीं हैं। युद्ध और आर्थिक संकट से जूझ रहे इस अफ्रीकी देश में उड्डयन सुरक्षा मानक लगातार गिरते जा रहे हैं। हाल ही में फरवरी में राजधानी खार्तूम के पास ओमदुरमान शहर के घनी आबादी वाले इलाके में एक सैन्य विमान के गिरने से 46 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
यह ताजा दुर्घटना उस समय सामने आई है जब सूडानी सेना कुख्यात अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के खिलाफ लगातार जंग लड़ रही है। अक्टूबर में सेना ने दारफुर क्षेत्र में अपना आखिरी मुख्य गढ़ अल-फाशिर खो दिया था। इसके अलावा इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय कोर्डोफान क्षेत्र के सबसे बड़े तेल प्रसंस्करण केंद्र से भी सेना को पीछे हटना पड़ा है।
अप्रैल 2023 में सेना और RSF के बीच शुरू हुए सत्ता संघर्ष ने देश को गृहयुद्ध की आग में झोंक दिया। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों के अनुसार अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है। इस युद्ध ने सूडान के कई शहरों को तबाह कर दिया है और कई इलाकों में अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
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संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने इस संघर्ष में हो रहे अत्याचारों जैसे सामूहिक बलात्कार, नस्लीय हिंसा और नागरिकों की हत्याओं को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा है, विशेषकर पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में हालात बेहद भयावह बने हुए हैं।






