मूसलाधार बारिश ने पाकिस्तान में मचाई तबाही, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
इस्लामाबाद: भारत के खिलाफ हार के बाद पाकिस्तान को अब मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। पंजाब प्रांत के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफानी हवाओं ने तबाही मचा दी है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है और 92 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
PDMA के महानिदेशक इरफान अली कथिया ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी डिप्टी कमिश्नरों और बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही प्रांतीय नियंत्रण कक्ष और सभी जिला आपातकालीन केंद्रों को भी सतर्क कर दिया गया है ताकि हालात से निपटा जा सके।
इरफान कथिया ने कहा कि स्थिति की निगरानी PDMA कंट्रोल रूम से लगातार 24/7 की जा रही है। सभी संबंधित विभागों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने नागरिकों से अपील किया है कि वे बिजली के खंभों और लटकते तारों से दूरी बनाए रखें। आंधी, तूफान या बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों पर रुकने से बचें। जब तक आवश्यक न हो यात्रा न करें और यदि यात्रा करनी पड़े तो वाहन को धीमी गति से चलाएं। साथ ही, तूफान और बारिश के दौरान सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
पीडीएमए ने बताया कि कुछ जिलों में तेज हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने से घरों और बिजली की संरचनाओं को नुकसान पहुंचा है। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं, और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पीडीएमए के बयान में कहा गया, “सभी जिलों के प्रशासन और संबंधित विभागों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर तुरंत राहत अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।”
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शनिवार की दोपहर के बाद से बारिश और आंधी-तूफान ने ऐसा कहर बरपाया कि हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि हुई। तेज बारिश से पूरा इलाका प्रभावित हो गया। कुछ जगहों पर ओले गिरे और स्थानीय नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ने की खबरें भी सामने आईं।
पंजाब के प्रमुख शहरों रावलपिंडी, सियालकोट, झेलम और लाहौर में तेज तूफान के चलते हवा की रफ्तार काफी तेज हो गई, जिससे दृश्यता बहुत कम हो गई। सुरक्षा के लिहाज से अधिकारियों ने मोटरवे के कुछ हिस्सों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। जानकारी के मुताबिक, अधिकतर मौतें तूफान के दौरान मकानों की छतें गिरने से हुईं। इसके अलावा, कई जगहों पर पेड़ भी जड़ से उखड़ गए।