मॉस्को में कार में धमाका, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Russia Ukraine News In Hindi: यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच सोमवार का दिन रूस के लिए बेहद भारी साबित हुआ। राजधानी मॉस्को में हुए एक कार विस्फोट में रूसी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवरोव की मौत हो गई। यह घटना उस वक्त हुई जब सरवरोव अपने अपार्टमेंट से निकलकर कार में बैठकर कहीं जाने वाले थे। अचानक हुए जोरदार धमाके में वह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रूसी जांच समिति के मुताबिक, विस्फोट कार के भीतर ही हुआ। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह एक सुनियोजित हमला हो सकता है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोट किस तरह अंजाम दिया गया और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। रूसी अधिकारियों ने इस घटना में यूक्रेन कनेक्शन की संभावना से भी इनकार नहीं किया है और सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवरोव रूसी सशस्त्र बलों के परिचालन प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख थे। यूक्रेन युद्ध के दौरान उनकी भूमिका बेहद अहम मानी जाती थी। उनका मुख्य काम सैनिकों को ट्रेनिंग देकर युद्ध मोर्चे पर भेजने का था। ऐसे में जंग के बीच उनकी हत्या को रूस के लिए एक बड़ा रणनीतिक नुकसान माना जा रहा है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस घटना की पूरी जानकारी दे दी गई है। सरकार का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते दो वर्षों में यह तीसरा मामला है, जब रूस में किसी वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की कार ब्लास्ट में हत्या हुई है। इससे पहले भी ऐसे हमलों ने रूस की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे।
मिलिट्री NY की रिपोर्ट के मुताबिक, फानिल सरवरोव का जन्म वर्ष 1969 में रूस के पर्म क्षेत्र के ग्रेम्याचिंस्क शहर में हुआ था। उन्होंने 1990 में रूसी सेना में कदम रखा और कजान हायर टैंक कमांड स्कूल से सैन्य शिक्षा प्राप्त की। साल 2008 में उन्हें रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ में नियुक्त किया गया।
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सरवरोव को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी और भरोसेमंद अधिकारी माना जाता था। उन्हें पहली बड़ी जिम्मेदारी काकेशस क्षेत्र में रूस के सैन्य अभियानों के दौरान सौंपी गई थी। इसके बाद 2015-16 में उन्होंने सीरिया में रूस के सैन्य अभियान का नेतृत्व किया। यूक्रेन युद्ध में भी उनकी भूमिका बेहद अहम थी, जिससे उनकी मौत को रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।