रूस-नाटो की तनातनी से कांप उठी दुनिया, (डिजाइन फोटो)
Russia Nato Conflict: यूरोप इस समय भारी तनाव के दौर से गुजर रहा है। रूस ने पोलैंड पर ड्रोन हमले किए हैं, जिसके बाद नाटो ने जवाबी कदम उठाते हुए ‘ईस्टर्न सेंट्री’ ऑपरेशन की शुरुआत कर दी है। पोलैंड ने अपनी सीमाएं पूरी तरह बंद कर दी हैं और ‘आयरन गेट 2025’ नामक सैन्य अभ्यास चला रहा है। इसी बीच रूस और बेलारूस भी ‘जापड 2025’ युद्धाभ्यास में जुटे हुए हैं। कालिनिनग्राद से रूस की इस्कंदर मिसाइलों की तैनाती ने पोलैंड और बाल्टिक देशों की चिंता और बढ़ा दी है। हालात ऐसे हैं कि सवाल उठ रहा हैक्या यह घटनाक्रम आने वाले बड़े युद्ध या फिर तीसरे विश्वयुद्ध की भूमिका बन रहा है?
सितंबर 2025 में रूस ने पोलैंड की हवाई सीमा का अतिक्रमण किया। 10 सितंबर को कुल 21 रूसी ड्रोन पोलैंड की सीमा में घुस आए। बताया जा रहा है कि ये ड्रोन या तो यूक्रेन पर हमलों के दौरान रास्ता भटक गए थे या फिर जानबूझकर भेजे गए थे। इनमें हथियार नहीं लगे थे, लेकिन पोलैंड के विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने पुष्टि की कि तीन ड्रोन को पोलिश सेना ने मार गिराया। इस घटना में एक घर को भी नुकसान पहुंचा।
12 सितंबर को नाटो ने रूस की बढ़ती हवाई गतिविधियों के जवाब में ‘ईस्टर्न सेंट्री’ऑपरेशन शुरू किया। नाटो महासचिव मार्क रुट्टे ने कहा कि रूस लगातार हवाई क्षेत्र में लापरवाही कर रहा है। इसी बीच फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स ने पोलैंड की सुरक्षा के लिए फाइटर जेट्स, एयर डिफेंस सिस्टम और सैनिक भेजे हैं। पोलैंड के राष्ट्रपति कार्यालय प्रमुख कारोल नवरोकी ने नाटो बलों की देश में तैनाती को मंजूरी दी। यह अभियान आर्कटिक से लेकर ब्लैक सी तक चलेगा और मुख्य रूप से ड्रोन व मिसाइल खतरों से निपटने पर केंद्रित होगा। रूस ने इस कदम को ‘गलती’ करार दिया, जबकि पोलैंड का कहना है कि यह सब जानबूझकर किया गया था। इस बीच, यूक्रेन ने भी चेतावनी दी है कि पुतिन की आक्रामक नीतियां और बढ़ रही हैं।
तनाव बढ़ने के बीच पोलैंड ने ‘आयरन गेट 2025’ या ‘आयरन डिफेंडर’ सैन्य अभ्यास की शुरुआत कर दी है। इस दौरान लगभग 40,000 सैनिकों को बेलारूस और कालिनिनग्राद की सीमा पर तैनात किया जाएगा। यह अभ्यास नाटो सहयोगी देशों के साथ मिलकर किया जा रहा है। पोलैंड ने 11 सितंबर को बेलारूस के साथ अपनी सीमा बंद कर दी, जिससे ट्रेन और कार यातायात रुक गया। प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि यह कदम रूस और बेलारूस के आक्रामक सैन्य अभ्यासों के जवाब में उठाया गया है।
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रूस और बेलारूस 12 से 16 सितंबर के बीच ‘जापड 2025’ नामक सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इसमें करीब 13 हजार से लेकर 40 हजार तक सैनिकों की भागीदारी होगी। रूस की ओर से संख्या कम बताई जा रही है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि असल आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है। यह अभ्यास बेलारूस में पोलैंड की सीमा के करीब हो रहा है। इस दौरान ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, परमाणु हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल की जाएंगी। रूस का कहना है कि यह सिर्फ रक्षात्मक कवायद है, लेकिन पोलैंड इसे खतरे और आक्रामक कदम के रूप में देख रहा है। इसी वजह से लिथुआनिया और लातविया ने भी अपनी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है।