रूस का यूक्रेन पर भयंकर हमला, (डिजाइन फोटो)
कीव: अमेरिका की ओर से हथियारों की सप्लाई रुकते ही रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर भीषण हमला बोल दिया है। पुतिन की सेना ने हर 6 सेकंड के अंतराल पर मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं। जिससे पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कीव में 13 बार भूकंप जैसे तेज़ झटके महसूस किए गए हैं। वहीं 10 मिसाइल हमलों में कम से कम 19 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक रूस ने बैलिस्टिक मिसाइल से यह हमला किया है। यह हमला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत के कुछ घंटे बाद ही किया गया। कीव इंडिपेंडेंट के संवाददातों ने दावा किया है कि हमले के बाद पूरे इलाके की हवा जहरीली हो गई है। लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। अब यूक्रेनी अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह हमला आखिर किस हथियार से किया गया है?
सूत्रों के अनुसार, यह कीव पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। रूस ने यूक्रेन को भयभीत करने के उद्देश्य से इस जबरदस्त हमले को अंजाम दिया है। हमले के बाद कीव में जगह-जगह भीषण आग की लपटें उठती देखी गई हैं। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे तब तक अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, जब तक आग पूरी तरह बुझा नहीं ली जाती।
यूक्रेन के दावे के अनुसार, अब तक युद्ध में रूस के करीब 10 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं, और बीते 24 घंटों में ही लगभग 1,000 सैनिकों के हताहत होने की खबर है। इसके अलावा, यूक्रेन अब तक रूस के 420 लड़ाकू विमान और 340 हेलिकॉप्टर भी गिरा चुका है। रूस अब इस युद्ध को और लंबा नहीं खींचना चाहता। हाल ही में अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से इंकार कर दिया है, जिससे रूस को यह समय अपने पक्ष में मोड़ने का मौका नजर आ रहा है।
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खबर के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बातचीत कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस संवाद का मुख्य विषय हाल ही में ट्रंप प्रशासन द्वारा यूक्रेन को आर्टिलरी राउंड और एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोकने का फैसला होगा। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की संभावना है। राष्ट्रपति जेलेंस्की पहले ही इस निर्णय पर चिंता जाहिर कर चुके हैं और इस विषय पर ट्रंप से सीधे बात करने की इच्छा जताई है।