रूस- यूक्रेन (डिजाइन फोटो)
कीव: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन साल से जारी इस संघर्ष को रोकने के लिए कई देशों ने कोशिश की, लेकिन सभी प्रयास फेल साबित हुए। 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वे इस युद्ध को जल्द खत्म करवा देंगे, लेकिन अब तक उनकी कोशिशें भी सफल नहीं हो पाई हैं।
वहीं दूसरी ओर, जैसे-जैसे समय बीत रहा है, दोनों देशों के हमले और भी उग्र होते जा रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, जून का महीना यूक्रेन के लिए अब तक का सबसे भयावह साबित हुआ है। रूस ने इस महीने 5438 लंबी दूरी वाले ड्रोन हमले किए, यानी हर दिन औसतन 180 से ज्यादा बार यूक्रेन को निशाना बनाया गया।
जून का महीना रूस-यूक्रेन युद्ध के इतिहास में अब तक का सबसे विनाशकारी साबित हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने केवल जून में ही यूक्रेन पर 5,400 से अधिक लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन छोड़े हैं। यह आंकड़ा फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद किसी एक महीने में किए गए हमलों में सबसे ज्यादा है।
यह जानकारी यूक्रेनी वायुसेना के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है। मई में जहां ड्रोन हमलों की कुल संख्या 3,974 थी, वहीं जून में यह आंकड़ा बढ़कर 5,400 से अधिक हो गया, यानी औसतन प्रतिदिन करीब 180 हमले दर्ज किए गए।
लगातार हो रहे ड्रोन हमलों ने यूक्रेन की वायु सुरक्षा प्रणाली को गंभीर दबाव में डाल दिया है, जो पहले से ही संसाधनों की भारी कमी का सामना कर रही है। आम नागरिकों के लिए भी स्थिति बेहद कठिन होती जा रही है। उन्हें हर रात सायरन की आवाज़ और विस्फोटों के डर के साये में गुजारनी पड़ रही है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, रूस एक सोची-समझी रणनीति के तहत यूक्रेन की वायु सुरक्षा प्रणाली को थकाने और कमजोर करने के लिए ड्रोन हमलों की संख्या में लगातार वृद्धि कर रहा है। इसके लिए वह ईरान में बने ‘शहीद’ जैसे कम लागत वाले लेकिन प्रभावशाली ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे यह रणनीति और भी घातक बन जाती है।
इस घातक हमले को देखते हुए यूक्रेन लगातार अमेरिका और यूरोपीय देशों से अपील कर रहा है कि वे उसे एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल इंटरसेप्टर्स और अत्याधुनिक रडार जैसी सुरक्षा तकनीकों की आपूर्ति बढ़ाएं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आगाह किया है कि “यदि इस विनाश को अभी नहीं रोका गया, तो इसका अगला शिकार कोई और देश भी बन सकता है।”