कमांडो लुक में पुतिन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Russia-Ukraine War: रूस ने सोमवार को दावा किया कि उसकी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के अत्यंत महत्वपूर्ण शहर पोक्रोव्स्क और उत्तर-पूर्व स्थित वोवचांस्क पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। दोनों शहर रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माने जाते हैं और लंबे समय से युद्ध का केंद्र रहे हैं।
क्रेमलिन ने टेलीग्राम पर पोस्ट करके पुष्टि की कि पोक्रोव्स्क अब रूस के अधीन है, जो डोनेट्स्क क्षेत्र में एक बड़ा सड़क व रेलवे हब है। युद्ध से पहले यहां करीब 60,000 लोग रहते थे। रूस ने कई महीनों से इस शहर पर भारी हमले किए और अब दावा है कि उसकी रणनीति सफल रही है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें सैनिकों को पोक्रोव्स्क के मध्य में रूसी झंडा फहराते हुए देखा जा सकता है। यदि यह कब्ज़ा स्थायी रूप से रूस के नियंत्रण में रहता है तो इसे मॉस्को के लिए एक बड़ी सैन्य उपलब्धि माना जाएगा। इससे यूक्रेन की आपूर्ति लाइनों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, साथ ही रूस को उत्तर और पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। पास के एक प्रमुख यूक्रेनी सैन्य ठिकाने के घिरने की संभावना भी बढ़ गई है।
यूक्रेन और रूस दोनों के लिए पोक्रोव्स्क एक निर्णायक शहर है। यूक्रेन ने पिछले महीने बड़ी संख्या में सैनिक और स्पेशल फोर्स भेजकर इसे बचाने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार सैकड़ों रूसी सैनिक शहर में घुसने में सफल रहे।
रूसी सेना प्रमुख वैलेरी गेरासिमोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पोक्रोव्स्क और वोवचांस्क के कब्जे की जानकारी दी और इसे “आजादी” की तरह प्रस्तुत किया। मई 2024 से जारी भीषण लड़ाई में वोवचांस्क लगभग तबाह हो चुका है। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने भी इस सैन्य प्रगति को “अब तक की जीत की ओर बड़ा कदम” बताया है।
इस महत्वपूर्ण घोषणा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मिलिट्री वर्दी में दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें पुतिन सैन्य कमांडर की तरह संदेश देते दिखते हैं। पुतिन आमतौर पर नागरिक या औपचारिक पोशाक में नजर आते हैं, लेकिन युद्ध से जुड़े संवेदनशील, रणनीतिक क्षणों में वे जब सैन्य वर्दी पहनते हैं, तो इसे शक्ति प्रदर्शन और पश्चिमी देशों—विशेषकर NATO—के लिए संदेश के रूप में देखा जाता है।
साल 2025 में उनकी वर्दी में यह सार्वजनिक उपस्थिति पहले भी चर्चा में रही थी, जिसे विश्लेषकों ने संकेत माना कि पुतिन अब युद्ध की रणनीति पर सीधी निगरानी कर रहे हैं। इससे सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और रूस की सैन्य छवि को मजबूत करने का प्रयास भी झलकता है।
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मार्च और सितंबर 2025 में भी वे सैन्य वर्दी में दिखाई दिए थे—पहली बार कुर्स्क के सैन्य निरीक्षण में और बाद में रूस-बेलारूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास Zapad-2025 के दौरान। कुल मिलाकर, इन दोनों शहरों पर कब्ज़ा और पुतिन की सैन्य उपस्थिति रूस की आक्रामक रणनीति और युद्ध में नए चरण की ओर इशारा करती है।