किम जोंग उन (डिजाइन फोटो)
उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के खिलाफ पहली बार कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। उत्तर कोरिया से पलायन कर चुके एक व्यक्ति ने दक्षिण कोरिया की एक अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस मुकदमे में किम जोंग उन पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
‘डेटाबेस सेंटर फॉर नॉर्थ कोरियन ह्यूमन राइट्स’ (NKDB) के मानवाधिकार कानूनी सहायता केंद्र ने बुधवार को जानकारी दी कि वह आगामी शुक्रवार को उत्तर कोरिया के जेल पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के प्रमुख चोई मिन-कियॉन्ग की ओर से सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में शिकायत दर्ज करेगा।
NKDB का मानना है कि यह मामला ऐतिहासिक रूप से बेहद अहम है, क्योंकि यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की शिकार किसी पीड़िता ने कानूनी लड़ाई की शुरुआत की है। संस्था की योजना इस मामले को संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICJ) जैसे वैश्विक मंचों पर उठाने की भी है। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन पर कई पश्चिमी देशों ने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए हैं, और उनके लगातार मिसाइल परीक्षणों के चलते अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
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चोई वर्ष 1997 में उत्तर कोरिया से भाग गई थीं और 2008 तक चीन में रहीं, जब उन्हें जबरन वापस उत्तर कोरिया भेज दिया गया। उनका आरोप है कि वापसी के बाद उन्हें एक हिरासत केंद्र में पांच महीने तक शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण और अमानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा। 2012 में वह एक बार फिर उत्तर कोरिया से भागने में सफल रहीं और कुछ महीनों के भीतर दक्षिण कोरिया में बस गईं।
अब चोई अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के तहत उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और उनके सुरक्षा मंत्रालय के पांच अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराने जा रही हैं। उनका कहना है, “मैं उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाना चाहती हूं जो किम शासन के तहत मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए ज़िम्मेदार हैं। मुझे विश्वास है कि यह कानूनी कदम उत्तर कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित करेगा।”